इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष नेताओं एवं सरकारी पदाधिकारियों को अदालती अवमानना से मुक्त रखने के प्रावधान वाले कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिखार चौधरी के नेतृत्व में पांच सदस्यों वाली पीठ 25 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें अदालती अवमानना अधिनियम-2012 को चुनौती दी गई है।
इस कानून को बनाने का मकसद मौजूदा प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को अयोग्य ठहराए जाने से बचाना है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को खोलने के संदर्भ में कदम उठाने के लिए कहा है और अगर अशरफ ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें इसकी सजा मिल सकती है।
संघीय सरकार के वकील अब्दुल शकूर पराचा ने इस पीठ से कहा कि मामले के महत्व को देखते हुए इसकी सुनवाई के लिए पूर्ण पीठ का गठन किया जाए। उन्होंने तैयारी के लिए अधिक समय की मांग की क्योंकि सरकार ने उन्हें रविवार को नियुक्त किया था।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इफ्तिखार चौधरी के नेतृत्व में पांच सदस्यों वाली पीठ 25 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें अदालती अवमानना अधिनियम-2012 को चुनौती दी गई है।
इस कानून को बनाने का मकसद मौजूदा प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को अयोग्य ठहराए जाने से बचाना है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को खोलने के संदर्भ में कदम उठाने के लिए कहा है और अगर अशरफ ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें इसकी सजा मिल सकती है।
संघीय सरकार के वकील अब्दुल शकूर पराचा ने इस पीठ से कहा कि मामले के महत्व को देखते हुए इसकी सुनवाई के लिए पूर्ण पीठ का गठन किया जाए। उन्होंने तैयारी के लिए अधिक समय की मांग की क्योंकि सरकार ने उन्हें रविवार को नियुक्त किया था।
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