पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल राजस्थान में 11 पाकिस्तानी हिंदुओं की मौत के मामले को बृहस्पतिवार को निस्तारित कर दिया. संघीय सरकार द्वारा इस मामले को भारत सरकार के समक्ष उठाए जाने के आश्वासन के बाद अदालत ने मामले को खत्म किया. पाकिस्तानी हिंदू प्रवासी परिवार के 11 सदस्य पिछले साल नौ अगस्त को राजस्थान के जोधपुर जिले के एक खेत में मृत पाए गए थे. पाकिस्तान में पीड़ितों के रिश्तेदारों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर अदालत से संघीय सरकार को आदेश देने का अनुरोध किया था कि वह मौत की असली वजह का पता लगाने के लिये भारत के समक्ष पुरजोर तरीके से मामला उठाए.
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पाकिस्तानी सरकार ने जब आश्वासन दिया कि वह भारत के साथ इस मामले की जांच की जिम्मेदारी विदेश विभाग को सौंपेगी तब अदालत ने मामले को निस्तारित मान लिया. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह दो मुल्कों के विदेश मामलों में दखल या निर्देश देना पसंद नहीं करेगी. इससे पहले याचिकाकर्ताओं के वकील सैयद कल्ब-ए-हसन ने कहा था कि मामला बेहद गंभीर है और शीर्ष अदालत को औपचारिक रूप से संघीय सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय इस मामले में सिर्फ खानापूर्ति के लिये कार्रवाई कर रहा है.
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यह परिवार पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 2015 में दीर्घकालिक वीजा पर भारत आया था. परिवार के लोग एक खेत में रह रहे थे जिसे उन्होंने खेती के लिये पट्टे पर लिया था. पुलिस ने पिछले साल 10 अगस्त को कहा था कि पोस्टमार्टम में जहरीला पदार्थ खाने से मौत की बात सामने आई थी और यह संभावित सामूहिक खुदकुशी का मामला था.
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