इस्लामाबाद:
पाकिस्तान में आतंकवाद निरोधी एक अदालत ने एक धर्मगुरु को दूसरे पंथ के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश खालिद अरशद ने मौलाना अब्दुल गनी को दूसरे पंथ के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण देने के लिए शुक्रवार को 10 साल चार महीने की सजा सुनाई। मौलाना गनी बहावलपुर जिले के हासिलपुर क्षेत्र के पास कईमपुर में एक मस्जिद के धर्मगुरु हैं।
अदालत ने उन पर 7,50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने मस्जिद में सुबह की नमाज के बाद नफरत फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में गनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
अदालत ने नफरत फैलाने वाले पर्चे बांटने के आरोप में चार लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें तीन से साढ़े तीन महीने तक की सजा सुनाई। इसके अलावा उन पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है।
पाकिस्तान ने देश में नफरत फैलाने वाले और चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले धर्मगुरुओं के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
न्यायाधीश खालिद अरशद ने मौलाना अब्दुल गनी को दूसरे पंथ के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण देने के लिए शुक्रवार को 10 साल चार महीने की सजा सुनाई। मौलाना गनी बहावलपुर जिले के हासिलपुर क्षेत्र के पास कईमपुर में एक मस्जिद के धर्मगुरु हैं।
अदालत ने उन पर 7,50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस ने मस्जिद में सुबह की नमाज के बाद नफरत फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में गनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
अदालत ने नफरत फैलाने वाले पर्चे बांटने के आरोप में चार लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें तीन से साढ़े तीन महीने तक की सजा सुनाई। इसके अलावा उन पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया है।
पाकिस्तान ने देश में नफरत फैलाने वाले और चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले धर्मगुरुओं के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
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