 
                                            पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहील शरीफ (फाइल फो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                वाशिंगटन: 
                                        अमेरिकी थिंक टैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2011 में पाकिस्तान के पास करीब 90 से 110 परमाणु हथियारों  का जखीरा मौजूद था, जो कि अब बढ़ कर 110 से 130 तक पहुंच चुका है और साल 2025 आने तक यह देश पांचवी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति बन सकता है।
'पाकिस्तानी परमाणु शक्तियां 2025' रिपोर्ट में कही गई बात
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अमेरिकी यात्रा के दौरान जारी बुलेटिन ऑफ एटोमिक साइंटिस्ट्स में 'पाकिस्तानी परमाणु शक्तियां 2025' नाम से प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है, 'तमाम तरह की वितरण प्रणालियों के विकसित को देखते हुए, जिसमें चार ऑपरेटिंग प्लूटोनियम उत्पादन रिएक्टर और यूरेनियम संवर्धन इकाइयां भी शामिल हैं, अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगले 10 वर्षों में देश के परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ेगा, हालांकि यह कई बातों पर निर्भर करेगा जैसे कि पाकिस्तान कितने परमाणु सक्षम लॉन्चर तैनात करने की योजना बना रहा है और भारत के परमाणु हथियारों का जखीरा किस रफ्तार से बढ़ता है।
बीते 20 वर्षों के दौरान पाकिस्तान के प्रदर्शन और उसके मौजूदा और प्रत्याशित हथियारों की तैनाती के आधार पर इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2025 तक इस देश के जखीरा 220 से 250 परमाणु हथियार हो जाएंगे, जो कि इसे दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति बना देंगे।
छोटी दूरी की परमाणु मिसाइल बना रहा है पाक
इस रिपोर्ट में यह भी साफ किया है कि पाक के पास इस समय छह तरह की परमाणविक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हो सकती हैं और कम से कम दो मिसाइलों, छोटी दूरी की शाहीन-1ए और मध्यम दूरी की शाहीन-3, पर अभी काम चल रहा है।' रिपोर्ट के मुताबिक, 'पाकिस्तान के ऐटमी हथियारों के जखीरे की सबसे विवादास्पद नई परमाणु सक्षम मिसाइलों में एनएएसआर (हत्फ,9) भी शामिल है, जो कि एक छोटी दूरी की सॉलिड फ्यूल मिसाइल है। इस मिसाइल की मारक क्षमता सिर्फ 60 किलोमीटर तक की है। भारत के अंदरूनी ठिकानों पर इस छोटी दूरी की मिसाइल से हमला नहीं किया जा सकता, इसलिए लगता है कि यह युद्धक्षेत्र में भारतीय सैनिकों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए बनाई गई है।'
                                                                        
                                    
                                'पाकिस्तानी परमाणु शक्तियां 2025' रिपोर्ट में कही गई बात
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अमेरिकी यात्रा के दौरान जारी बुलेटिन ऑफ एटोमिक साइंटिस्ट्स में 'पाकिस्तानी परमाणु शक्तियां 2025' नाम से प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है, 'तमाम तरह की वितरण प्रणालियों के विकसित को देखते हुए, जिसमें चार ऑपरेटिंग प्लूटोनियम उत्पादन रिएक्टर और यूरेनियम संवर्धन इकाइयां भी शामिल हैं, अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगले 10 वर्षों में देश के परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ेगा, हालांकि यह कई बातों पर निर्भर करेगा जैसे कि पाकिस्तान कितने परमाणु सक्षम लॉन्चर तैनात करने की योजना बना रहा है और भारत के परमाणु हथियारों का जखीरा किस रफ्तार से बढ़ता है।
बीते 20 वर्षों के दौरान पाकिस्तान के प्रदर्शन और उसके मौजूदा और प्रत्याशित हथियारों की तैनाती के आधार पर इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2025 तक इस देश के जखीरा 220 से 250 परमाणु हथियार हो जाएंगे, जो कि इसे दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी परमाणु शक्ति बना देंगे।
छोटी दूरी की परमाणु मिसाइल बना रहा है पाक
इस रिपोर्ट में यह भी साफ किया है कि पाक के पास इस समय छह तरह की परमाणविक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हो सकती हैं और कम से कम दो मिसाइलों, छोटी दूरी की शाहीन-1ए और मध्यम दूरी की शाहीन-3, पर अभी काम चल रहा है।' रिपोर्ट के मुताबिक, 'पाकिस्तान के ऐटमी हथियारों के जखीरे की सबसे विवादास्पद नई परमाणु सक्षम मिसाइलों में एनएएसआर (हत्फ,9) भी शामिल है, जो कि एक छोटी दूरी की सॉलिड फ्यूल मिसाइल है। इस मिसाइल की मारक क्षमता सिर्फ 60 किलोमीटर तक की है। भारत के अंदरूनी ठिकानों पर इस छोटी दूरी की मिसाइल से हमला नहीं किया जा सकता, इसलिए लगता है कि यह युद्धक्षेत्र में भारतीय सैनिकों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए बनाई गई है।'
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