फाइल फोटो...
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच संवाद सर्वश्रेष्ठ विकल्प है और दोनों पक्षों को किसी भी विकल्प को बंद करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया से जब पूछा गया कि क्या शब्द 'निलंबित' (सस्पेंडेड) द्विपक्षीय शांति प्रक्रिया की मौजूदा स्थिति को सही से परिभाषित करता है तो उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल दिसंबर में हुई पाकिस्तान यात्रा के दौरान फैसला हुआ था कि दोनों विदेश सचिव जल्द मुलाकात करेंगे। उम्मीद जताई गई थी कि दोनों पक्ष विदेश सचिव स्तर की वार्ता के तौर-तरीकों पर काम करेंगे।'
उन्होंने कहा, 'हमें आगे के बारे में सोचने की जरूरत है और किसी विकल्प को समाप्त करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ संपर्क में हैं। एक बार तौर-तरीकों पर काम हो जाए उसके बाद सचिव स्तर की वार्ता होगी।' जकारिया ने कहा, 'संवाद सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। कूटनीति देशों के बीच बातचीत और साथ काम करने की होती है।' कुछ दिन पहले ही भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था कि द्विपक्षीय शांति प्रक्रिया 'निलंबित' है।
जब जकारिया से पूछा गया कि क्या इस्लामाबाद का रुख भी नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त की तरह है तो उन्होंने कहा, 'व्यापक नीति और भविष्य के दृष्टिकोण तथा संभावनाओं और दिन-प्रतिदिन की जमीनी स्थिति पर टिप्पणियों में अंतर है। यहां मंत्रालय में हमारे स्तर पर हम सरकारी नीति पर रोजाना आधार पर टिप्पणी नहीं करते।'
उन्होंने कहा कि एक दूसरे की चिंताओं पर ध्यान देने और दीर्घकालिक शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान एक सतत, निर्बाध और सार्थक संवाद के माध्यम से भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें कोई पूर्व शर्त नहीं हो।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया से जब पूछा गया कि क्या शब्द 'निलंबित' (सस्पेंडेड) द्विपक्षीय शांति प्रक्रिया की मौजूदा स्थिति को सही से परिभाषित करता है तो उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल दिसंबर में हुई पाकिस्तान यात्रा के दौरान फैसला हुआ था कि दोनों विदेश सचिव जल्द मुलाकात करेंगे। उम्मीद जताई गई थी कि दोनों पक्ष विदेश सचिव स्तर की वार्ता के तौर-तरीकों पर काम करेंगे।'
उन्होंने कहा, 'हमें आगे के बारे में सोचने की जरूरत है और किसी विकल्प को समाप्त करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ संपर्क में हैं। एक बार तौर-तरीकों पर काम हो जाए उसके बाद सचिव स्तर की वार्ता होगी।' जकारिया ने कहा, 'संवाद सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। कूटनीति देशों के बीच बातचीत और साथ काम करने की होती है।' कुछ दिन पहले ही भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा था कि द्विपक्षीय शांति प्रक्रिया 'निलंबित' है।
जब जकारिया से पूछा गया कि क्या इस्लामाबाद का रुख भी नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त की तरह है तो उन्होंने कहा, 'व्यापक नीति और भविष्य के दृष्टिकोण तथा संभावनाओं और दिन-प्रतिदिन की जमीनी स्थिति पर टिप्पणियों में अंतर है। यहां मंत्रालय में हमारे स्तर पर हम सरकारी नीति पर रोजाना आधार पर टिप्पणी नहीं करते।'
उन्होंने कहा कि एक दूसरे की चिंताओं पर ध्यान देने और दीर्घकालिक शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान एक सतत, निर्बाध और सार्थक संवाद के माध्यम से भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें कोई पूर्व शर्त नहीं हो।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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