Pakistan ने Jammu-Kashmir में फिर 'घुसाई नाक', परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर बोले बिगड़े बोल

भारत (India) साफ तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International Community) को कह चुका है कि 2019 में आर्टिकल 370 (Article 370) को हटाना उसका आंतरिक मुद्दा है.  भारत ने बार-बार पाकिस्तान (Pakistan) को यह भी कहा है कि "जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) भारत का अभिन्न अंग (Integral Part of India) था और हमेशा भारत का ही रहेगा." भारत ने पाकिस्तान को सच को स्वीकारने और सभी भारत विरोधी प्रचार रोकने के लिए भी कहा था.

Pakistan ने Jammu-Kashmir में फिर 'घुसाई नाक', परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर बोले बिगड़े बोल

Pakistan ने Jammu-Kashmir पर आई परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को खारिज किया

इस्लामाबाद :

पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री ने भारत के दूतावास प्रमुख को तलब कर पाकिस्तान की ओर से भारत के जम्मू-कश्मीर पर बने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट (Jammu & Kashmir Delimitation Commission report ) पर कड़ी आपत्ति जताई है. परिसीमन आयोग को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा और लोकसभा सीटों की सीमाओं का दोबारा निर्धारण करने का काम सौंपा था. तीन सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई ने की. गुरुवार को उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों के पुर्ननिर्धारण के अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर किए. 

जम्मू-कश्मीर के परिसीमन कमीशन का गठन मार्च 2020 में किया गया था.  गुरुवार को इस कमीशन ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी. अंतिम रिपोर्ट में जम्मू क्षेत्र को 6 अतिरिक्त विधानसभा सीटें दी गईं हैं और एक अतिरिक्त  सीट कश्मीर घाटी को दी गई है. 90 सदस्यीय विधानसभा में जम्मू डिविज़न में अब कुल 43 सीटें होंगी और कश्मीर के पास 47 होंगी.  

गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के दूतावास प्रमुख को बुलाया और कहा कि परिसीमन कमीशन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर की मुस्लिम बहुल जनसंख्या को "मताधिकार से वंचित करना और कमजोर बनाना" है.  पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, पाकिस्तान साफ तौर पर जम्मू-कश्मीर के कथित 'परीसीमन आयोग' की की रिपोर्ट को खारिज करता है.  

पाकिस्तान की तरफ से जारी वक्तव्य में भारत को बताया गया कि यह पूरी कवायद हास्यास्पद है और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनैतिक दल पहले ही इसे खारिज कर चुके हैं क्योंकि  विरोध इस प्रयास से भारत केवल 5 अगस्त 2019 के अपने गैरकानूनी कदम को "कानूनी जामा" पहनाना चाहता है.  

भारत ने जब 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेषदर्जा वापस लिया था तब पाकिस्तान में इसका कड़ा विरोध हुआ था. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक संबंध सीमित कर लिए थे और इस्लामाबाद से भारत के राजदूत को निष्कासित कर दिया था.  

भारत साफ तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कह चुका है कि 2019 में आर्टिकल 370 को हटाना उसकी संसद का आंतरिक मुद्दा है.  भारत ने बार-बार पाकिस्तान को यह भी कहा है कि "जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और हमेशा भारत का ही रहेगा." भारत ने पाकिस्तान को सच को स्वीकारने और सभी भारत विरोधी प्रचार रोकने के लिए भी कहा था.  

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया कि उसने भारत के चार्ज द् अफेयर्स (India's Charge d'Affaires) को बुला कर कहा कि भारत सरकार कथित परिसीमन की आड़ में दोबारा गठित हुए विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को कम करना चाहती है.

भारतीय राजनायिक को यह भी कहा गया कि जम्मू-कश्मीर विवाद लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के एजेंडा आइटम का हिस्सा रहा है. 

साथ ही आगे कहा गया कि, " भारत का कोई भी गैरकानूनी, एकतरफा और शरारती प्रयास जो अनुपातहीन तौर पर हिंदु जनसंख्या को अधिक चुनावी प्रतिनिधित्व दे जिससे मुस्लिमों को नुकसान हो, वो लोकतंत्र के सभी नियमों, नैतिकता और संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के नियमों और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति भारत की जिम्मेदारी का उल्लंघन होगा."

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पाकिस्तान ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार को जम्मू-कश्मीर में किसी भी गैरकानूनी जनसांख्यकीय बदलाव से बचना चाहिए.