पाकिस्तान (Pakistan) की बदहाल अर्थव्यवस्था (Economy) एक बड़े संकट से बाल-बाल बची है. आतंकवाद (Terrorism) के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहे पाकिस्तान के पास नकदी की कमी ( Liquidity crisis) हो गई. इसी संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान ने 7.95% के रिकॉर्ड रिटर्न रेट पर इस्लामिक सुकुक बांड (Sukuk Bond) से एक अरब डॉलर जुटाए हैं. मीडिया की खबरों में मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि इस्लामिक बांड के इतिहास में यह सबसे ऊंची ब्याज दर है जिसका भुगतान करने के लिए पाकिस्तान सहमत हुआ है. विदेशी कर्जा चुकाने में डिफॉल्टर होने से बचने के लिए पाकिस्तान ने यह जोखिम उठाया है.
क्या होता है सुकुक?
सुकुक बॉन्ड शरिया के कानून के आधार पर दिए जाने वाले इस्लामिक फाइनेंस का हिस्सा है. पैसा जुटाने वाले को सुकुक के बदले उतनी ही कीमत की अपनी संपत्ति का मालिकाना हक़ देना पड़ता है. यह पारंपरिक बॉन्ड से अलग होता है जिसमें डेब्ट ( Debt) आधारित पैसा दिया जाता है. ब्रिटेन के मैनचेस्टर आधारित इस्लामिक फाइनेंस फाउंडेशन सुकुक जारी करता है. सुकुक लंदन स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड है.
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट में पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को एक स्तर तक रखने की जरूरत थी क्योंकि जल्द कुछ बड़े विदेशी ऋणों को चुकाया जाना है.
इमरान खान की सरकार ने डेढ़ महीने पहले ही सऊदी अरब से तीन अरब डॉलर का कर्ज लिया था. लेकिन इस राशि में से दो अरब डॉलर सरकार खर्च कर चुकी है. ऐसे में अब सरकार को फिर धन जुटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजारों का रुख करना पड़ रहा है.
पाकिस्तान का आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार 14 जनवरी तक घटकर 17 अरब डॉलर पर आ गया था.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने 7.95 % की ब्याज दर पर सात साल की अवधि के संपत्ति-समर्थित सुकुक बांड जारी कर एक अरब डॉलर जुटाए हैं.
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