हाल के दिनों में पाकिस्तान में सियासी उठापटक के बीच सत्ता का परिवर्तन देखने को मिला. इमरान खान अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी नहीं बचा पाए. वहीं शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के तौर पर पद संभाला है. सत्ता के शीर्ष पर आसीन होने के बाद शहबाज शरीफ की चुनौतियां बढ़ने वाली हैं. क्योकि पाकिस्तान अपनी गिरती अर्थव्यवस्था और आतंकवाद को लेकर पहले से ही संकट में है. शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि पूर्व पीएम इमरान खान के समय देश की अर्थव्यवस्था रूक सी गई थी, जिससे अगले साल अक्टूबर में होने वाले चुनाव से पहले ही एक कड़वाहट पैदा हो गई थी. दरअसल, वह इशारों ही इशारों में पहले की सरकार के कामकाज पर निशाना साध रहे थे.
शहबाज शरीफ अभी फिलहाल अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देने में लगे हैं. साथ ही गिरती अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के भी संकेत दिए हैं. शरीफ के सामने तेजी से बढ़ती महंगाई और देश पर बढ़ रहे कर्जे एक बड़ी चुनौती की तरह हैं. विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना की वजह से देश की अर्थव्यवस्था और खराब हो गई है. हालांकि, शरीफ कार्यालय ने कहा है कि सरकार आम लोगों की स्थिति में सुधार को लेकर अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए कुछ अनिर्दिष्ट "आपातकालीन कदम" उठाएगी. बता दें कि शरीफ इससे पहले पंजाब प्रांत में अपने लुभावने परियोजनाओं की शुरुआत करने को लेकर चर्चा में रहे हैं.
इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के बाद प्रधानमंत्री पद पर काबिज हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ एक कट्टर यथार्थवादी हैं और इतने सालों में उन्होंने एक स्पष्टवादी और कुशल प्रशासक होने की प्रतिष्ठा हासिल की . तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के 70 वर्षीय छोटे भाई शहबाज़ मुल्क के सबसे ज्यादा आबादी वाले और राजनीतिक रूप से अहम पंजाब प्रांत के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं.
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