पहले जानकारी आई कि पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिका के मिलिटरी परेड में शामिल होने के लिए बुलाया गया है. बाद में व्हाइट हाउस ने इस बात खंडन करते हुए कहा कि किसी विदेशी सैन्य प्रमुख को निमंत्रित नहीं किया गया है. फिर व्हाइट हाउस की तरफ़ से जानकारी दी गई कि राष्ट्रपति ट्रंप ने उनको लंच के लिए व्हाइट हाउस बुलाया है. लंच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होने मुनीर को शुक्रिया कहने के लिए बुलाया. उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि पाकिस्तान की तरफ़ से युद्ध रोकने में मुनीर ने प्रभावी भूमिका निभाई. ट्रंप का ऐसा कहना पाकिस्तान की राजनीतिक सत्ता को धत्ता बताने जैसा है.
पाकिस्तान का बॉस मुनीर

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ हैं, लेकिन युद्ध रोकने का क्रेडिट ट्रंप ने आसिम मुनीर को दिया है. यानी ट्रंप ने ये कहने में कोई क़सर नहीं छोड़ी है कि पाकिस्तान को सरकार नहीं, सेना चलाती है. भारत-पाकिस्तान संघर्ष के समय भी 9 मई को मार्को रूबियो ने आसिम मुनीर से दो बार बात की थी. जबकि उन्होंने भारत में अपने समकक्ष और विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की थी. मार्को रूबियो का इशाक डार या शाहबाज़ शरीफ़ से बात न करना वहां की सरकार पर भरोसा न करने जैसी बात थी. अब ट्रंप ने भी शाहबाज़ शरीफ़ की जगह मुनीर को शुक्रिया कह साफ़ कर दिया है कि पाकिस्तान की सत्ता मुनीर ही चलाते हैं.
शाहबाज़ शरीफ़ मजबूर

शाहबाज़ शरीफ़ सरकार को इससे सचेत हो जाना चाहिए कि आखिर ट्रंप किसके पीछे अपना दांव लगा रहे हैं? लेकिन चाहे नवाज़ और शाहबाज़ शरीफ़ की मुस्लिम लीग नवाज़ पार्टी हो या फिर बिलावल भुट्टो ज़रदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, इनको पता है कि मुनीर के समर्थन के बिना इनकी सरकार दो दिन भी नहीं चल सकती. इसलिए मुनीर के अमेरिका दौरे को पाकिस्तान में स्ट्रैटजिक दौरे के तौर पर पेश किया जा रहा है. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक़ ए इंसाफ़ का सीधा आरोप है कि आसिम मुनीर ने ही इमरान खान की सत्ता गिराई. आसिम मुनीर और शहबाज़ शरीफ़ सरकार की मिलीभगत से इमरान खान जेल में हैं. तभी अमेरिका में आसिम मुनीर के होटल के बाहर पीटीआई समर्थकों ने जमकर नारेबाज़ी की.
ईरान का सौदा

पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने आसिम मुनीर को हत्यारा और गीदड़ तक कहा, पर आसिम मुनीर अपनी पीठ पर ट्रंप का हाथ पाकर उसी तरह गदगद हैं, जैसे पाकिस्तान के हर सेना प्रमुख होते रहे हैं. पाकिस्तान के सामने आर्थिक बदहाली से निकलने की चुनौती है, जिसके लिए वह अमेरिका की तरफ़ देख रहा है, इसलिए ईरान जैसे अपने परंपरागत साझीदार को भी वो छोड़ने को तैयार है जैसा कि ट्रंप ने दावा किया. ट्रंप ने कहा कि आसिम मुनीर ईरान को समझते हैं, लेकिन जो कुछ हो रहा है उससे ख़ुश नहीं हैं. ट्रंप ने ये भी कहा कि ईरान पर मुनीर उनकी बातों से सहमत हैं और इज़राइल के लिए भी बुरे नहीं हैं. कुल मिला कर मुनीर ने ट्रंप का लंच खाकर पाकिस्तान की सत्ता और पड़ोसी देश ईरान का भी सौदा कर लिया, ऐसा लगता है.
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