पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का फाइल फोटो...
इस्लामाबाद:
बिजली के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बुधवार को बड़ी सफलता के तहत प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पंजाब प्रांत में चीन की मदद वाले 340 मेगावाट क्षमता के परमाणु ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया और इसे बिजली कटौती की समस्या को समाप्त करने के सरकार के प्रयासों में 'महत्वपूर्ण मील का पत्थर' करार दिया.
चश्मा-3 परमाणु संयंत्र राजधानी इस्लामाबाद से करीब 250 किलोमीटर दूर मियांवाली जिले के चश्मा में है, जहां एक और संयंत्र चश्मा-4 बनाया जा रहा है.
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार, शरीफ ने चश्मा-3 के पूरा होने को देश से बिजली कटौती की समस्या को समाप्त करने की यात्रा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा कि परियोजना पाकिस्तान और चीन के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करीबी सहयोग को झलकाती है.
शरीफ के अनुसार, 'यह सहयोग क्षेत्र में विकास के नए युग की भी शुरुआत है'. उन्होंने विश्वास जताया कि चश्मा-4 परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी अगले साल के मध्य में इसकी समयसीमा से पहले परिचालन में आ जाएगा.
चश्म.दो और तीन देश के सबसे अधिक क्षमतावान संयंत्र हैं जो देश के ग्रिड में 600 मेगावाट से अधिक बिजली देते हैं. पाकिस्तान के पहले परमाणु संयंत्र की आपूर्ति 1972 में कनाडा ने की थी.
शरीफ ने आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में प्रयासों के लिए पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (पीएईसी) की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार देश में बिजली की कमी से निपटने में मदद के लिए आयोग को हरसंभव मदद देगी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चश्मा-3 परमाणु संयंत्र राजधानी इस्लामाबाद से करीब 250 किलोमीटर दूर मियांवाली जिले के चश्मा में है, जहां एक और संयंत्र चश्मा-4 बनाया जा रहा है.
रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार, शरीफ ने चश्मा-3 के पूरा होने को देश से बिजली कटौती की समस्या को समाप्त करने की यात्रा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा कि परियोजना पाकिस्तान और चीन के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करीबी सहयोग को झलकाती है.
शरीफ के अनुसार, 'यह सहयोग क्षेत्र में विकास के नए युग की भी शुरुआत है'. उन्होंने विश्वास जताया कि चश्मा-4 परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी अगले साल के मध्य में इसकी समयसीमा से पहले परिचालन में आ जाएगा.
चश्म.दो और तीन देश के सबसे अधिक क्षमतावान संयंत्र हैं जो देश के ग्रिड में 600 मेगावाट से अधिक बिजली देते हैं. पाकिस्तान के पहले परमाणु संयंत्र की आपूर्ति 1972 में कनाडा ने की थी.
शरीफ ने आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में प्रयासों के लिए पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (पीएईसी) की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार देश में बिजली की कमी से निपटने में मदद के लिए आयोग को हरसंभव मदद देगी.
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