
- PoK में अवामी एक्शन कमेटी ने व्यापक विरोध प्रदर्शन और हड़ताल की घोषणा की है जिससे तनाव बढ़ा है
- प्रदर्शनकारियों की मांगों में PoK विधानसभा की 12 शरणार्थी सीटों को समाप्त करना, आर्थिक व राजनीतिक सुधार शामिल
- पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की है और इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है
एशिया कप में क्रिकेट के मैदान पर मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान की एक और जगह फिल्डिंग सेट होने वाली है. पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) हाल के इतिहास में अपने सबसे बड़े नागरिक विद्रोहों में से एक के लिए तैयार है. अवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने सोमवार, 29 सितंबर को इस पूरे कब्जे वाले क्षेत्र में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू करने की तैयारी कर ली है. "शटर-डाउन और व्हील-जाम" हड़ताल का आह्वान किया गया है जो संभावित रूप से अनिश्चितकाल तक चल सकता है और इसने तनाव बढ़ा दिया है. ऐसे में इस्लामाबाद की सरकार ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों को तैनात किया है और भीड़ को रोकने के लिए आधी रात से इंटरनेट बैन कर दिया है.
हक मांग रहे PoK के लोग
अवामी एक्शन कमेटी एक नागरिक समाज की गठबंधन है जिसने हाल के महीनों में लोकप्रियता हासिल की है. इस संगठन ने दशकों के राजनीतिक हाशिए और आर्थिक उपेक्षा का हवाला देते हुए अपने बैनर तले हजारों लोगों को एकजुट किया है. समूह का 38-सूत्रीय चार्टर संरचनात्मक सुधारों की मांग करता है, जिसमें पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित PoK विधानसभा में 12 विधायी सीटों को समाप्त करना भी शामिल है. इसके बारे में स्थानीय लोगों का तर्क है कि यह प्रतिनिधि शासन को कमजोर करता है. अन्य मांगों में सब्सिडी वाला आटा, मंगला जलविद्युत परियोजना से जुड़ी उचित बिजली दरें और इस्लामाबाद द्वारा वादा किए गए लंबे समय से रुके सुधारों को जमीन पर लागू करना शामिल हैं.
#BREAKING: Thousands of civilians to launch massive protests in Pakistan Occupied Kashmir (PoK) tomorrow against Pakistani Govt under leadership of Awami Action Committee. Pak forces bring thousands of troops from Punjab to crush protest. Internet shutdown from midnight in PoK. pic.twitter.com/nfeSviJHsC
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 28, 2025
ताकत दिखा रही पाकिस्तान सरकार और बातचीत में असफलता
पाकिस्तान के अधिकारियों ने शक्ति प्रदर्शन के साथ जवाब दिया है. हाल के दिनों में, भारी हथियारों से लैस सेना के काफिलों ने पीओके के प्रमुख शहरों में फ्लैग मार्च किया. पाकिस्तान के पंजाब से हजारों सैनिकों को वहां भेजा गया है. शनिवार और रविवार को, पुलिस ने प्रमुख शहरों में आने और जाने वाले प्वाइंट को सील कर दिया. साथ ही संवेदनशील प्रतिष्ठानों के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई.
वहीं इस्लामाबाद ने स्थानीय सुरक्षा बलों को मजबूत करने के लिए राजधानी से अतिरिक्त 1,000 पुलिस कर्मियों को भी भेजा है. अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई जरूरी है. द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट मुदस्सर फारूक ने कहा, "शांति नागरिकों और प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है."
उबाल पर PoK
जमीन पर तैयारी पूरी है. मुजफ्फराबाद में व्यापारी संघों ने घोषणा की कि वे रविवार को दुकानें खुली रखेंगे, जिससे नागरिकों को बंद से पहले भोजन और आवश्यक सामान जमा करने का मौका मिलेगा. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के काफिले को शहर में आते हुए देखा गया है, जिससे प्रशासन की तरफ से भी हड़ताल के खिलाफ भारी प्रतिक्रिया की अटकलें लगाई जा रही हैं. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नागरिकों को पाकिस्तान के जबरन कब्जे से आजादी के लिए नारे लगाते देखा जा सकता है.
सरकारी प्रयासों के बावजूद, अवामी एक्शन कमेटी के नेताओं का कहना है कि विरोध शांतिपूर्ण लेकिन बिना समझौते के होगा. अब इंटरनेट का उपयोग बंद कर दिया गया है और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, सोमवार का प्रदर्शन पीओके के राजनीतिक अधिकारों के लिए लंबे समय से चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है.
जैसे-जैसे वक्त करीब आ रहा है, दोनों पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं. एक संभावित अस्थिर टकराव के लिए मंच तैयार कर रहे हैं, जिसकी गूंज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की घाटियों से कहीं आगे तक जा सकती है.
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