पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात की.
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में भारत के लिए ज्यादा बड़ी भूमिका की वकालत करने को लेकर अमेरिका के सामने आपत्ति दर्ज की है. देश की शीर्ष राजनयिक ने बुधवार को यह जानकारी दी.
विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने कहा कि प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने मंगलवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात के दौरान ट्रम्प द्वारा उनकी नई अफगान नीति में भारत के लिए ज्यादा बड़ी भूमिका की वकालत करने को लेकर चिंता जताई.
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अब्बासी और पेंस का मिलना ट्रम्प के 21 अगस्त को अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया को लेकर अपनी नीति की घोषणा करने के बाद से दोनों देशों के बीच सर्वोच्च स्तर पर हुआ पहला संपर्क था. ट्रम्प ने अपनी नई नीति में पाकिस्तान को आतंकी समूहों के समर्थन के लिए चेतावनी दी थी और आगाह किया था कि अगर उसने ऐसा करना बंद नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
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पाकिस्तान की परेशानियां बढ़ाते हुए ट्रम्प ने भारत से अफगानिस्तान में और बड़ी भूमिका निभाने के लिए कहा था. कल की बैठक में दोनों देशों ने मिलकर काम करते रहने तथा अमेरिकी नीति की घोषणा से प्रभावित हुए संबंधों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.
VIDEO : अफगानिस्तान में अशांति
पाकिस्तान के विदेश विभाग द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र के इतर यह बैठक एक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. बयान के अनुसार, ‘‘यह सहमति बनी कि दोनों देश क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा आर्थिक समृद्धि के साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक सकारात्मक रुख के साथ मिलकर काम करते रहेंगे.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने कहा कि प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने मंगलवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात के दौरान ट्रम्प द्वारा उनकी नई अफगान नीति में भारत के लिए ज्यादा बड़ी भूमिका की वकालत करने को लेकर चिंता जताई.
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अब्बासी और पेंस का मिलना ट्रम्प के 21 अगस्त को अफगानिस्तान एवं दक्षिण एशिया को लेकर अपनी नीति की घोषणा करने के बाद से दोनों देशों के बीच सर्वोच्च स्तर पर हुआ पहला संपर्क था. ट्रम्प ने अपनी नई नीति में पाकिस्तान को आतंकी समूहों के समर्थन के लिए चेतावनी दी थी और आगाह किया था कि अगर उसने ऐसा करना बंद नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
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पाकिस्तान के विदेश विभाग द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया, ‘‘न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र के इतर यह बैठक एक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. बयान के अनुसार, ‘‘यह सहमति बनी कि दोनों देश क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा आर्थिक समृद्धि के साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एक सकारात्मक रुख के साथ मिलकर काम करते रहेंगे.’’
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