
- जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़बुल मुजाहिद्दीन रैलियों के ज़रिए नए जिहादियों की भर्ती कर रहे हैं.
- एनडीटीवी के पास मौजूद एक वीडियो में जैश-ए-मोहम्मद की एक ऐसी ही रैली की तैयारियों का है.
- बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की सरकार आतंकवादियों की बड़े पैमाने पर फंडिंग भी कर रही है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के आतंकी संगठन बौखला गए हैं. जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़बुल मुजाहिद्दीन रैलियों के ज़रिए नए जिहादियों की भर्ती कर रहे हैं. एनडीटीवी के पास मौजूद एक वीडियो में जैश-ए-मोहम्मद की एक ऐसी ही रैली की तैयारियों का है. ये रैली मुजफ्फराबाद में आयोजित की जा रही है.

वीडियो में देखा जा सकता है कि स्टेज को फूलों से सजाया गया है. दीवारों पर पोस्टर्स लगाए गए हैं. पोस्टर्स में ऑपरेशन सिंदूर में जैश के हेड क्वार्टर मरकज सुभान अल्लाह मस्जिद पर हुए हमले में मारे गए आतंकियों को शहीद बताया गया है. मीटिंग वाला हॉल पूरी तरह से एयर कंडीशन है. मतलब पहले पूरे तामझाम के साथ बुलाया जा रहा है और फिर उन्हें गुमराह कर आतंकवादी बनाया जा रहा है.

सूत्रों की मानें तो ये रैली विशेष तौर पर जैश में महिलाओं की भर्ती के लिए की जा रही है. महिलाओं को इन रैलियों में जेहादी तक़रीरें उनका ब्रेनवॉश किया जाएगा. साथ ही उनसे जिहाद के नाम पर चंदा भी लिया जाएगा. इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा भी पीछे नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद ख़त्म हुआ लश्कर-ए-तैयबा ख़ुद को खड़ा करने के लिए अलग-अलग राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के ज़रिए काम कर रहा है, ताकि वो आम जनता के बीच अपनी पकड़ बना सके.
इन शाखाओं के ज़रिए हो रही नई भर्ती

- पाकिस्तान मार्कज़ी मुस्लिम लीग (PMML) – ये लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य राजनीतिक संगठन है.
- मुस्लिम यूथ लीग (MYL) – ये संगठन युवाओं को जोड़ने और भर्ती करने का काम करता है.
- मुस्लिम वीमेन लीग (MWL) – ये लश्कर की महिलाओं की विंग है, जो महिलाओं को अपनी सोच से प्रभावित करने का काम करती है.
- मुस्लिम गर्ल्स लीग (MGL) – ये संगठन कम उम्र की लड़कियों को “शैक्षणिक कार्यक्रमों” के नाम पर निशाना बनाता है.
जाहिर है ये सब बगैर पाकिस्तान की सरकार की मर्जी और मुनीर सेना की मंजूरी के बगैर तो नहीं हो रहा है. असीम मुनीर जब से पाकिस्तान का सेना प्रमुख बना है, लगातार आतंकवादियों को खुलकर सपोर्ट कर रहा है. फील्ड मार्शल बनने के बाद तो उसने और भी ज्यादा आतंकवादियों का समर्थन शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की सरकार आतंकवादियों की बड़े पैमाने पर फंडिंग भी कर रही है.
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