पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि उनका देश आतंकवाद, भ्रष्टाचार और संगठित अपराधों के खिलाफ संघर्ष के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस या सार्क) के देशों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है.
दक्षेस देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नवाज़ शरीफ ने आदिवासी इलाकों में पाकिस्तान के आतंकवाद-विरोधी अभियानों और राष्ट्रीय कार्ययोजना का ज़िक्र किया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पाकिस्तान सरकार अपनी जमीन से उभरने वाले आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए वचनबद्ध है.
नवाज़ शरीफ ने कहा कि दक्षेस क्षेत्र के पास मानव और प्राकृतिक संसाधनों का विपुल भंडार है, इसलिए दक्षेस हमारे लोगों की शांति और खुशहाली के लिए क्षेत्रीय क्षमता का दोहन करने के वास्ते एक मंच प्रदान कर सकता है, और उसे करना चाहिए. शरीफ ने कहा कि यह दृष्टिकोण उनकी सरकार के विकास के लिए शांति और शांतिपूर्ण पड़ोस के उनकी सरकार के ख्याल पर आधारित है.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने दक्षेस चार्टर में उल्लिखित उद्देश्यों और विचारों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का हमेशा समर्थन किया है..." उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पाकिस्तान स्वदेशी साधनों के बंटवारे के ज़रिये ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय प्रयासों का भी हामी रहा है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान इस विचार को साझा करता है कि क्षेत्र की प्रगति और खुशहाली के लिए संपर्क बेहद ज़रूरी है और वह क्षेत्र में सड़क, वायु, रेल और जल संपर्क का सिद्धांतत: समर्थन करता है. नवाज़ शरीफ ने कहा, "दक्षेस घोषणापत्र में उल्लिखित उद्देश्यों और लक्ष्यों को हासिल करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है..."
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दक्षेस महासचिव अजरुन बहादुर थापा ने आतंकवाद, मादक पदार्थ, साइबर अपराध और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों की समस्या से निपटने के लिए कारगर उपाय करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया. आठ-सदस्यीय समूह की दिनभर चलने वाली सातवीं बैठक पिछली बैठकों में लिए गए फैसलों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित की गई है. दक्षेस में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.
दक्षेस देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए नवाज़ शरीफ ने आदिवासी इलाकों में पाकिस्तान के आतंकवाद-विरोधी अभियानों और राष्ट्रीय कार्ययोजना का ज़िक्र किया. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पाकिस्तान सरकार अपनी जमीन से उभरने वाले आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए वचनबद्ध है.
नवाज़ शरीफ ने कहा कि दक्षेस क्षेत्र के पास मानव और प्राकृतिक संसाधनों का विपुल भंडार है, इसलिए दक्षेस हमारे लोगों की शांति और खुशहाली के लिए क्षेत्रीय क्षमता का दोहन करने के वास्ते एक मंच प्रदान कर सकता है, और उसे करना चाहिए. शरीफ ने कहा कि यह दृष्टिकोण उनकी सरकार के विकास के लिए शांति और शांतिपूर्ण पड़ोस के उनकी सरकार के ख्याल पर आधारित है.
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने दक्षेस चार्टर में उल्लिखित उद्देश्यों और विचारों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का हमेशा समर्थन किया है..." उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पाकिस्तान स्वदेशी साधनों के बंटवारे के ज़रिये ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय प्रयासों का भी हामी रहा है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान इस विचार को साझा करता है कि क्षेत्र की प्रगति और खुशहाली के लिए संपर्क बेहद ज़रूरी है और वह क्षेत्र में सड़क, वायु, रेल और जल संपर्क का सिद्धांतत: समर्थन करता है. नवाज़ शरीफ ने कहा, "दक्षेस घोषणापत्र में उल्लिखित उद्देश्यों और लक्ष्यों को हासिल करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है..."
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए दक्षेस महासचिव अजरुन बहादुर थापा ने आतंकवाद, मादक पदार्थ, साइबर अपराध और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों की समस्या से निपटने के लिए कारगर उपाय करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया. आठ-सदस्यीय समूह की दिनभर चलने वाली सातवीं बैठक पिछली बैठकों में लिए गए फैसलों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित की गई है. दक्षेस में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं.
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