- पाकिस्तान के पूर्व ISI चीफ फैज हमीद को चार गंभीर आरोपों में दोषी ठहराकर चौदह साल की जेल की सजा सुनाई गई है
- फैज हमीद पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने और खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप साबित हुए हैं
- फैज हमीद को पूर्व पीएम इमरान खान का करीबी माना जाता था और उन्हें आर्मी चीफ बनाने की तैयारी चल रही थी
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के पूर्व चीफ फैज हमीद का कोर्ट माशर्ल हो गया है. उन्हें 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है. फैज हमीद ने भी वही पाप किए थे जो पाकिस्तान में आर्मी और खुफिया एजेंसी का हर चीफ करता आया है- अपना काम छोड़कर राजनीति करने लगना, खुफिया जानकारी लीक करना, अपने पावर- सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करना और दूसरों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाना. फैज हमीद के पापों का घड़ा भर चुका था. खैर उन्हें आज 4 साल पहले का वो वाकया भी याद आ रहा होगा जब उनकी अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में चाय पीते तस्वीर सामने आई थी.
एक बात पहले जान लीजिए कि फैज हमीद को जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान का खास माना जाता था. खबर यह भी थी कि उनको अगला आर्मी चीफ बनाने की तैयारी है. लेकिन जब इमरान खान खुद जेल चले गए तो फैज हमीद के बुरे दिन शुरू हो गए. नवंबर 2022 में जनरल मुनीर के आर्मी चीफ बनने के बाद फैज हमीद को ISI चीफ के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया. कमाल की बात है कि मुनीर को ही ISI चीफ पद से हटाकर ही हमीद को कुर्सी पर बैठाया गया था.
चलिए आपको विस्तार से सबकुछ बताते हैं.
15 महीने तक चली सुनवाई
दरअसल 12 अगस्त 2024 को पूर्व ISI चीफ और लेफ्टिनेंट जनरल फैज के खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई थी. सुनवाई कुल 15 महीनों तक चली. फैज हमीद को सभी 4 आरोपों में दोषी पाया गया और गुरुवार, 11 दिसंबर को सैन्य अदालत ने उन्हें 14 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. उनपर लगे ये 4 आरोप (अब साबित हो गए) ये हैं:
- राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने
- देश की सुरक्षा और हित के लिए हानिकारक आधिकारिक गुप्त अधिनियम का उल्लंघन (खुफिया बातें लीक करना)
- पावर और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग
- व्यक्तियों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाना
मिली जानकारी के अनुसार इस कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया में फैज हमीद को हर कानूनी अधिकार दिए गए. उन्हें उनकी पसंद के वकीलों की टीम दी गई, हालांकि वो टीम भी उन्हें बचा नहीं पाई. अब दोषी साबित हो चुके फैज हमद को कोर्ट मार्शल से जुड़े मंच पर इस फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार है. हालांकि उनकी परेशानी शायद ही कम हो. अपने फायदे के लिए राजनीतिक आंदोलन को भड़काने और राजनीतिक तत्वों के साथ मिलीभगत कर देश में अस्थिरता पैदा करने और कुछ अन्य मामलों में हाथ होने के आरोप से अलग से निपटा जा रहा है.
काबुल की वो चाय याद आ रही होगी

अगस्त 2021 में अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान से हट गए और वहां तालिबान का शासन आ गया. इसके कुछ हफ्ते बाद उस समय के ISI चीफ फैज हमीद ने तालिबान के निमंत्रण पर काबुल का दौरा किया था. उन्हें अन्य पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ एक होटल में चाय पीते देखा गया था. वो तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं. आज जब तालिबान से पाकिस्तान के रिश्ते खराब हो गए हैं तो पाकिस्तान सरकार को वो चाय याद आ रही है. पिछले महीने यानी नवंबर की शुरुआत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री इशाक डार ने स्वीकार किया कि काबुल में वह "चाय का कप" पाकिस्तान के लिए एक महंगी गलती बन गई. डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी हैं और उन्होंने आगाह किया कि ऐसी गलतियां दोहराई नहीं जानी चाहिए.
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