
इमरान खान (फाइल फोटो)
- भारत के संबंधों पर बोले इमरान
- सबसे ज्यादा 2 मिनट 42 सेकेंड तक बोले
- इमरान खान चीन-अमेरिका को अहमियत
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नई दिल्ली:
पाकिस्तान की सत्ता संभालने जा रहे इमरान खान ने भारत के साथ अच्छे रिश्ते की वक़ालत की है. जीत के बाद अपने पहले बयान में जहां उन्होंने भारत के मीडिया से नाराज़गी जतायी वहीं कश्मीर समस्या के शांतिपूर्व समाधान की ज़रूरत पर ज़ोर दिया. जीत के बाद अपने पहले बयान में इमरान खान ने जब पड़ोसियों से रिश्ते सुधारने की बात की तो सबसे पहला ज़िक्र चीन का किया. एक मिनट 17 सेकेंड तक वे चीन की तारीफ़ कर उससे सीखने की बात करते रहे. फिर क़रीब एक मिनट अफ़गानिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की बात की. अमेरिका को 42 सेंकेंड दिया और ईरान को 7 सेकेंड. फिर सऊदी अरब पर 44 सेकेंड. अंत में भारत के साथ संबंधो पर बोले और सबसे लंबा बोले. 2 मिनट 42 सेकेंड. ये भारत के साथ रिश्तों को अहमियत को बताता है.
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चुनाव से पहले इमरान खान भारत के खिलाफ आग उगलते रहे हैं, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि पड़ोसियों के साथ रिश्ते बेहतर हों ताकि तरक्की पर ध्यान दिया जा सके. अपने बयान में उन्होंने कश्मीर समस्या का हल बातचीत से निकालने की बात की। हालांकि वे मानवाधिकार हनन का आरोप लगाने से नहीं चूके. भारत लगातार कहता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते. यानि पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाए तभी बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी. अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री के तौर पर आतंकवाद को रोकने के लिए इमरान खान क्या करते हैं... रिश्ते पटरी पर तभी लौट पाएंगे.
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इमरान खान ने भारत के साथ रिश्तों पर यह भी कहा, 'हम हमारे संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं और दोनों देशों के बीच तमाम समस्याओं को सुलझाने के लिए बातचीत से हल निकालेंगे. आप एक कदम बढ़ाएंगे तो हम दो कदम बढ़ाने को तैयार हैं.' इमरान खान ने बुधवार को हुए चुनाव का नतीजा आने के बाद पाकिस्तान की जनता के संबोधन में भारत समेत कई मुद्दों पर बात की.
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चुनाव से पहले इमरान खान भारत के खिलाफ आग उगलते रहे हैं, लेकिन अब वे कह रहे हैं कि पड़ोसियों के साथ रिश्ते बेहतर हों ताकि तरक्की पर ध्यान दिया जा सके. अपने बयान में उन्होंने कश्मीर समस्या का हल बातचीत से निकालने की बात की। हालांकि वे मानवाधिकार हनन का आरोप लगाने से नहीं चूके. भारत लगातार कहता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते. यानि पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाए तभी बातचीत की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी. अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री के तौर पर आतंकवाद को रोकने के लिए इमरान खान क्या करते हैं... रिश्ते पटरी पर तभी लौट पाएंगे.
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इमरान खान ने भारत के साथ रिश्तों पर यह भी कहा, 'हम हमारे संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं और दोनों देशों के बीच तमाम समस्याओं को सुलझाने के लिए बातचीत से हल निकालेंगे. आप एक कदम बढ़ाएंगे तो हम दो कदम बढ़ाने को तैयार हैं.' इमरान खान ने बुधवार को हुए चुनाव का नतीजा आने के बाद पाकिस्तान की जनता के संबोधन में भारत समेत कई मुद्दों पर बात की.
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