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पाकिस्तान के लोग अपनी पुलिस को मानते हैं सबसे अधिक भ्रष्ट, चौथे नंबर पर जज साहब का नंबर

पाकिस्तान के लोगों की भ्रष्टाचार को लेकर क्या सोच है, यह जानकारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की सर्वे रिपोर्ट में सामने आई है.

पाकिस्तान के लोग अपनी पुलिस को मानते हैं सबसे अधिक भ्रष्ट, चौथे नंबर पर जज साहब का नंबर
  • ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे के अनुसार पाकिस्तान के लोग पुलिस विभाग को सबसे अधिक भ्रष्ट मानते हैं
  • सर्वे में शामिल 24 फीसदी लोगों ने पुलिस को सबसे भ्रष्ट विभाग बताया, जिसमें पंजाब सबसे आगे है
  • टेंडर और खरीद सेक्टर को 16 फीसदी लोगों ने भ्रष्ट बताया, बलूचिस्तान में यह प्रतिशत सबसे अधिक है
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पाकिस्तान के तमाम विभाग भ्रष्टाचार के गहरे जाल में फंसे हैं. यहां के लोगों की नजर में पुलिस सबसे ज्यादा भ्रष्ट है. भ्रष्टाचार के मामले में दूसरा नंबर निविदा और तीसरे पर खरीद सेक्टर का आता है. न्यायपालिका चौथे नंबर पर आती है. यानी सत्ता के लगभग हर उस सेक्टर में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, जिससे आम लोगों को राहत की उम्मीद होती है. पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों के लोगों को सभी विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल किया गया और उनका जो जवाब आया है, वो समाज की सच्चाई सामने लाता है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (TI) ने मंगलवार, 9 दिसंबर को जारी सालाना सर्वे रिपोर्ट में ये अहम जानकारी दी. TI की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, 'नेशनल करप्शन परसेप्शन सर्वे' का मकसद जरूरी गवर्नेंस मुद्दों पर जनता की धारणा को समझना था.

सर्वे में क्या पता चला?

सर्वे में शामिल 4,000 लोगों (हर प्रांत से 1,000) में से 24 फीसदी का मानना ​​था कि पुलिस विभाग सबसे भ्रष्ट है. इसमें पंजाब प्रांत सबसे आगे है, यहां 34 फीसदी लोगों ने माना कि सरकारी महकमों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार पुलिस विभाग में ही है. इसके बाद बलूचिस्तान में 22 फीसदी, सिंध में 21 फीसदी और खैबर पख्तूनख्वा में 20 फीसदी थी. पुलिस के बाद टेंडर और प्रोक्योरमेंट (खरीद) सेक्टर था, जहां 16 फीसदी लोगों ने माना कि ये सेक्टर भ्रष्ट है. बलूचिस्तान में 23 प्रतिशत, केपी में 18 प्रतिशत, सिंध में 14 फीसदी और पंजाब में 9 फीसदी लोगों का कहना था कि इन सेक्टर्स में भ्रष्टाचार का बोलबाला है.

प्रेस रिलीज के मुताबिक, सर्वे से यह भी पता चला कि लगभग 77 फीसदी लोगों को सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी कोशिशों पर भरोसा न के बराबर है. वो इससे “कम संतुष्ट” दिखे. पब्लिक सर्विस पाने के लिए सबसे ज्यादा रिश्वत सिंध में दर्ज की गई, जहां 46 फीसदी लोगों ने रिश्वत देने के लिए मजबूर महसूस किया. पंजाब में यह संख्या 39 फीसदी और केपी में 20 फीसदी थी.

नतीजों से यह भी पता चला कि जवाबदेही की कमी, पारदर्शिता और जानकारी तक सीमित पहुंच, और भ्रष्टाचार के मामलों को निपटाने में देरी देश में भ्रष्टाचार के "बड़े कारण" थे.

भारत का क्या हाल?

सीपीआई (करप्शन परसेप्शन इंडेक्स) 2024 रिपोर्ट के मुताबिक भारत का हाल पाकिस्तान से बेहतर है. इस सूचकांक में भारत 180 देशों की सूची में 96वें स्थान पर है जबकि इसका स्कोर 38 है, जिससे यूं समझा जा सकता है कि भारत में भ्रष्टाचार की दर मध्यम स्तर की है. वहीं पाकिस्तान 180 में 135वें पायदान पर है और इसका स्कोर 27 है, जिससे स्पष्ट है कि भारत से अधिक भ्रष्ट पाकिस्तान को समझा जाता है.

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