
पाकिस्तानी उच्चयुक्त सुहैल महमूद की फाइल फोटो
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परिवारों के कथित उत्पीड़न के मुद्दे पर राजनयिकों को वापस बुलाया
पाकिस्तान ने भारतीय उपउच्चायुक्त जेपी सिंह को भी तलब किया था
उच्चयुक्त सुहैल महमूद को पहले बातीचत के लिए बुलाया था
पाकिस्तान में नवाज शरीफ के घर के पास विस्फोट, सात की मौत
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही है. इससे पहले पाकिस्तान पाकिस्तानी उच्चायोग भारत में अपने राजनयिकों को परेशान किए जाने का आरोप लगाते हुए विदेश मंत्रालय में कई शिकायतें दर्ज करा चुका है. उसका आरोप है कि डिप्लोमैट्स के कार का पीछा किया जाता है. वीडियोज़ बनाए जाते हैं. यहां तक कि पाकिस्तानी राजनयिकों के बच्चों को स्कूल ले जाने वाली कार तक को नहीं बख्शा जाता और उसके ड्राइवर को भी परेशान किया जाता है. राजनयिक सूत्रों से जानकारी मिली थी कि इन आरोपो की जांच करवाएगा, लेकिन इस बीच पाकिस्तान ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अपने उच्चायुक्त को इस्लामाबाद तलब कर भारत पर और दबाव बनाने की कोशिश की है.
दूसरी तरफ़, भारत के राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि यह मामला उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा है. इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को लंबे अरसे से परेशान किया जाता रहा है. उनकी गाड़ियों का पीछा करना, चेहरे तक पर मोबाइल लगाकर वीडियो बनाना, आते जाते परेशान करना, ये सब भारतीय राजनेताओं को वहां सहनी पड़ता है. हालात इस तरह के बन गए हैं कि वहां काम करना मुश्किल हो रहा है लेकिन भारत अपनी शिकायतों को दर्ज कराने के बावजूद चचुपचाप यह सब सह रहा है्.
पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को अब तक इस्लामाबाद क्लब में एंट्री नहीं दी है जहां तमाम देशों के डिप्लोमैट्स की सोशल गैदरिंग होती है. वे एक दूसरे से मुलाकात करते हैं. इतना ही नहीं, भारतीय उच्चायोग के सामने की जगह पर बन रही उस बिल्डिंग का बिजली पानी भी काट दिया गया है जो उच्चायुक्त के रहने के काम में इस्तेमाल आने वाला है.
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राजनयिकों के साथ व्यवहार को लेकर जिस तरह से तनातनी बढ़ रही है आशंका इस बात की है कि कहीं इसका असर दोनों देशों के राजनयिक रिश्तो पर ना पड़ जाए. पाकिस्तान पहले ही अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की धमकी दे चुका है और आज का उसका यह फैसला उसी की दिशा में एक कदम है. पाकिस्तान अगर ऐसा कोई अंतिम फैसला करता है तो अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने के अलावा भारत के पास भी कोई रास्ता नहीं बचेगा. यानी संबंधों में पहले से चल रही तनातनी अब राजनीतिक रिश्तों के टूटने के कगार तक पहुंच गई है.
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