चीन ने शनिवार को बताया है कि उसने पाकिस्तान में हुए एक बस में हुए धमाके की जांच करने के लिए उसने एक जांच टीम को भेजा है. इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से नौ चीनी नागरिक थे. चीन ने इस धमाके को 'आतंकी हमला' बताया है. इस बस में 40 चीनी इंजीनियर, सर्वेकर्ता और मैकेनिकल स्टाफ सफर कर रहे थे और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में एक बांध के कन्स्ट्रक्शन साइट पर जा रहे थे. इस धमाके में मारे गए तीन अन्य लोग पाकिस्तानी नागरिक हैं, वहीं लगभग 28 लोग घायल हुए हैं.
पाकिस्तान ने धमाके के बाद इसकी वजह कुछ मैकेनिकल गड़बड़ी से गैस लीक होना बताई थी, लेकिन चीन ने अब इसे बम धमाका बताया है. चीन के पब्लिक सिक्योरिटी मंत्री झाओ केझी ने अपने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से बात करने के बाद एक बयान जारी कर कहा कि 'चीन और पाकिस्तान साथ में सच सामने लाने के लिए काम करेंगे.' उन्होंने बताया कि चीन इस धमाके की आपराधिक जांच में सहयोग करने के लिए टेक्निकल एक्सपर्ट्स की एक टीम को भेजा है. उन्होंने पाकिस्तान से वहां रह रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा मजबूत करने को कहा.
बुधवार को हुए धमाके के बाद चीन ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों को 'कड़ी सजा' देने पर जोर दिया था और स्थानीय प्रशासन से चीनी नागरिकों और चीनी परियोजनाओं को सुरक्षा देने को कहा.
इस्लामाबाद के लिए बीजिंग ही इस क्षेत्र में उसका बड़ा सहयोगी है, लेकिन देश में पिछले काफी वक्त से चीनी नागरिकों की सुरक्षा चीन के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर कई बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहा है, ऐसे में वहां बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों की उपस्थिति है, जो इन परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं. पिछले कुछ सालों में चीन ने पाकिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए अरबों डॉलर डाले हैं.
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