
- बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख यूनुस ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मुलाकात की है.
- इशाक डार बांग्लादेश का 13 वर्षों में दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री हैं.
- डार ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया, जमात-ए-इस्लाम और राष्ट्रीय नागरिक पार्टी के नेताओं के साथ बैठके कीं.
बांग्लादेश में लगभग एक साल पहले जबसे शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद नई अंतरिम सरकार बनी है, बहुत कुछ बदल गया है. लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर छात्र आंदोलन चलाकर नया बांग्लादेश बनाने का दावा किया गया लेकिन आज बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का उभार हो रहा है, जिस पाकिस्तान से बांग्लादेश आजाद हुआ था (भारत की मेहरबानी से), आज उसी पाकिस्तान से दोस्ती तेजी से बढ़ रही है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने रविवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मजबूत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग पर जोर देते हुए सार्क को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया.
सार्क पर जोर
सार्क यानी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation). दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय समूह में भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं. 2014 में काठमांडू में हुए आखिरी शिखर सम्मेलन के बाद से इसका द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है.
Deputy Prime Minister and Foreign Minister , Senator Mohammad Ishaq Dar @MIshaqDar50, called on H. E. Professor Muhammad Yunus @ChiefAdviserGoB, Chief Adviser of Bangladesh in Dhaka, today. The discussion covered revival of old connections between the two countries, promoting… pic.twitter.com/2pR6G5q2MO
— Ministry of Foreign Affairs - Pakistan (@ForeignOfficePk) August 24, 2025
यूनुस के प्रेस विंग के अनुसार उन्होंने कहा, "मैं सार्क को प्रोत्साहित करता हूं, और मैं पाकिस्तान और अन्य सार्क देशों के साथ हमारे संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक के रूप में देखता हूं."
प्रेस विंग के बयान में कहा गया, "दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार को बढ़ावा देने, युवा-से-युवा आदान-प्रदान, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने और सार्क के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग को पुनर्जीवित करने पर चर्चा की."
दोनों देश का संवेदनशील इतिहास और चापलूसी
प्रेस विंग के अनुसार यूनुस ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में "कुछ संवेदनशील मुद्दे बने हुए हैं" लेकिन उन्होंने लगातार सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित सहयोग के कई क्षेत्रों पर जोर दिया. ऐसा प्रतीत होता है कि ये टिप्पणियां 1971 के मुक्ति संग्राम (आजादी का संघर्ष) से संबंधित दोनों देशों के बीच अनसुलझे ऐतिहासिक मुद्दों से जुड़ी थीं.
पाकिस्तानी मंत्री ने गरीबी खत्म करने और सामुदायिक सशक्तिकरण में यूनुस के योगदान की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, "बांग्लादेश आपके जैसा शासन प्रमुख पाकर भाग्यशाली है - एक ऐसा नेता जो दुनिया को प्रेरित करता है."
भारत विरोधी खालिदा जिया से मुलाकात
इससे पहले रविवार को डार ने विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन से बातचीत की थी. बांग्लादेश आने के तुरंत बाद, उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री खालिदा जिया, बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लाम के नेताओं और छात्र-नेतृत्व वाली राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) के साथ बैक-टू-बैक बैठकें कीं.
पाकिस्तानी मंत्री ने विशेष रूप से जिया और बीमार जमात प्रमुख शफीकुर रहमान से भी मुलाकात की. प्रेस विंग के बयान के अनुसार, डार ने कई अंतरिम सरकार के सलाहकारों, प्रभावी रूप से मंत्रियों, जिनमें ऊर्जा और वाणिज्य के लिए जिम्मेदार लोग भी शामिल थे, के साथ चर्चा की.
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