वाशिंगटन:
ओबामा प्रशासन के उच्च अधिकारियों का मानना है कि पाकिस्तान अपने कबाइली इलाकों में आतंकवादी ठिकानों को खत्म करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। इसके बावजूद अमेरिका पाकिस्तान को और अधिक सैन्य, खुफिया और आर्थिक मदद मुहैया कराने जा रहा है। 'वाशिंगटन पोस्ट' में शनिवार को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले सप्ताह पाकिस्तान के दौरे पर जा रहे उप राष्ट्रपति जोसेफ बाइडन इस सहायता पैकेज की रूपरेखा का खुलासा कर सकते हैं। बाइडेन के दौरे का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा है कि वाशिंगटन पाकिस्तानी सेना के उत्तरी वजीरिस्तान में कार्रवाई में देरी किए जाने को लेकर निराश है। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अफगनिस्तान में नाटो सेना से संघर्ष कर रहे अल कायदा, तालिबान, हक्कानी समूह और अन्य चरमपंथी इस्लामी समूहों के लिए उत्तरी वजीरिस्तान स्वर्ग के समान है। उप राष्ट्रपति अपनी इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। 'वाशिंगटन पोस्ट' में कहा गया है, बाइडेन पाकिस्तानियों को इस क्षेत्र के लिए दूरगामी योजना की रूपरेखा बनाने को कह सकते हैं, ताकि अफगनिस्तान की सीमा से लगे तालिबान के सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उचित सहायता के स्वरूप को तय किया जा सके। गौरतलब है कि पाकिस्तान को 2011 में करीब तीन अरब डॉलर से अधिक की मदद राशि दिए जाने की योजना है, हालांकि पाकिस्तान पर इस बात का आरोप लगाता रहा है कि अमेरिका युद्धक हेलीकॉप्टर समेत सैन्य उपकरणों की आपूर्ति पर उदासीन रवैया अपनाता रहा है। 'वाशिंगटन पोस्ट' में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि पाकिस्तान को दी जाने वाले सैन्य सहायता का स्वरूप क्या होगा।
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