 
                                            पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                इस्लामाबाद: 
                                        पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि उनके मुल्क को सेना से कोई खतरा नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवारवाद से खतरा है।
बाग और मुजफ्फराबाद में रैलियों को संबोधित करते हुए खान ने 1999 के तख्तापलट को याद किया, जब जनरल परवेज मुशर्रफ ने शरीफ को अपदस्थ किया था।
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के लोग उस तरह से सड़कों पर नहीं उतरे, जिस तरह से तुर्की के लोग पिछले शुक्रवार की रात सड़क पर उतरे थे।' डॉन ने उनके हवाले से बताया, 'इसके बजाय उन्होंने अपदस्थ किए जाने का जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी।'
खान ने शुरू में कहा था कि पाकिस्तान में सेना के सत्ता पर कब्जा करने का लोग जश्न मनाएंगे। लेकिन खान ने अपने बयान में आंशिक बदलाव करते हुए कहा कि तुर्की में तख्तापलट की कोशिश सफल हो गई होती यदि राष्ट्रपति रेचप तैयप अर्दोआन की जगह शरीफ होते।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अवाम तुर्क लोगों की तुलना में कहीं अधिक लोकतंत्र समर्थक थी, लेकिन वे 1999 में शरीफ के समर्थन में नहीं उतरे थे। उन्होंने कहा कि फैक्टरियां खड़ी करना, धन दौलत जमा करना और परिवारवाद को बढ़ावा देना शुरू से ही उनकी शैली रही है। शरीफ शासन के लिए अपनी नई पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                बाग और मुजफ्फराबाद में रैलियों को संबोधित करते हुए खान ने 1999 के तख्तापलट को याद किया, जब जनरल परवेज मुशर्रफ ने शरीफ को अपदस्थ किया था।
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान के लोग उस तरह से सड़कों पर नहीं उतरे, जिस तरह से तुर्की के लोग पिछले शुक्रवार की रात सड़क पर उतरे थे।' डॉन ने उनके हवाले से बताया, 'इसके बजाय उन्होंने अपदस्थ किए जाने का जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी।'
खान ने शुरू में कहा था कि पाकिस्तान में सेना के सत्ता पर कब्जा करने का लोग जश्न मनाएंगे। लेकिन खान ने अपने बयान में आंशिक बदलाव करते हुए कहा कि तुर्की में तख्तापलट की कोशिश सफल हो गई होती यदि राष्ट्रपति रेचप तैयप अर्दोआन की जगह शरीफ होते।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अवाम तुर्क लोगों की तुलना में कहीं अधिक लोकतंत्र समर्थक थी, लेकिन वे 1999 में शरीफ के समर्थन में नहीं उतरे थे। उन्होंने कहा कि फैक्टरियां खड़ी करना, धन दौलत जमा करना और परिवारवाद को बढ़ावा देना शुरू से ही उनकी शैली रही है। शरीफ शासन के लिए अपनी नई पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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