नई दिल्ली:
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदियों की रिहाई और उनकी स्थिति के परीक्षण के लिए भारत के पूर्व न्यायाधीशों का चार सदस्यीय दल सोमवार को पाकिस्तान पहुंचेगा। उनके साथ पाकिस्तानी दल के चार सदस्य भी होंगे। भारतीय दल के एक सदस्य ने बताया कि न्यायाधीशों का दल कैदियों की रिहाई की सिफारिश करेगा। भारतीय टीम में पटना के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तथा सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता नागेंद्र राय, पूर्व न्यायाधीश अमरजीत चौधरी, न्यायाधीश एएस गिल और न्यायाधीश एमए खान शामिल हैं। भारतीय दल में शामिल न्यायाधीश राय पाकिस्तान की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान कराची, रावलपिंडी और लाहौर जेल का दौरा करेंगे। कैदियों की रिहाई के लिए जनवरी, 2007 में भारत और पाकिस्तान के चार-चार पूर्व न्यायाधीशों का दल बनाया गया था। पाकिस्तानी दल में शामिल चार सदस्य न्यायाधीश अब्दुल कादीर चौधरी, न्यायाधीश फजल करीम, न्यायाधीश नासिर असलम जहीद और न्यायाधीश मियां मुहम्मद अजमल हैं। सूत्रों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे से ऐसे कैदियों को रिहा करने का वादा किया है, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। अप्रैल तक भारत ने 39 और पाकिस्तान ने 89 कैदियों को रिहा किया, जबकि दोनों देशों ने कुछ और कैदियों को रिहा करने पर सहमति जताई। पाकिस्तान रवाना होने से एक दिन पहले न्यायाधीश राय ने कहा कि पाकिस्तानी जेलों के दौरे के दौरान भारतीय दल ऐसे कैदियों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनकी तुरंत रिहाई की आवश्यकता हो। अवैध, उम्रदराज, बच्चे या महिला कैदियों पर अधिक ध्यान होगा। कोई भी निर्णय आठों पूर्व न्यायाधीशों की सहमति से लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "दोनों देशों के सम्बंधों को प्रभावित करने वाला कारक कभी संयुक्त न्यायिक समिति के काम के आड़े नहीं आया। हम न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) हैं और हमें किसी भी मुद्दे को न्याय के दृष्टिकोण से देखने की आदत है, जिसमें मानवाधिकारों का सम्मान और चीजों को करुणा के साथ देखना शामिल है।"
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