वाशिंगटन:
पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली किशोर कार्यकर्ता मलाला युसुफजई पर हमले की जिम्मेदारी लेने वाले उग्रवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के सरगना पर 10 लाख डॉलर का इनाम रखा है।
मलिक ने साक्षात्कार में कहा, यह साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी। निश्चिततौर पर इसके पीछे मुल्ला फजलुल्ला का हाथ है, जो मलाकांद स्वात में हमारी कार्रवाई के बाद भाग खड़ा हुआ था। यह साजिश वहां रची गई और चार लोग वहां से आए।
उन्होंने कहा, जब उन्होंने मलाला पर हमला किया, उस वक्त तक हमें यह नहीं पता था कि उनका उद्देश्य क्या था और वे किस तरह के कदम उठाने वाले हैं। हमने एक और व्यक्ति की पहचान की है और उसके कुछ सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों में से एक के सहयोगी की वित्त व्यवस्था करने वाले एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है।
मलिक ने कहा कि मलाला पर हमले की जिम्मेदारी लेने वाले तहरीक-ए-तालिबान के सरगना के ऊपर 10 लाख डॉलर का इनाम रखा गया है और खुफिया एजेंसियां इसमें शामिल लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। तहरीक-ए-तालिबान के सरगना ने दावा किया है कि मलाला पर हमला टीटीपी ने किया।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को स्वात घाटी में मलाला के गृहनगर मिंगोरा में उस पर एवं उसकी दो सहपाठियों पर हमला किया गया था। उसे तालिबान के खिलाफ बोलने तथा बालिका शिक्षा की वकालत करने के लिए निशाना बनाया गया। उसकी रीढ़ की हड्डी के समीप से एक गोली को निकाले जाने के बाद उसे पेशावर से गुरुवार को रावलपिंडी में सेना के एक प्रमुख अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसे इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया है।
प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने मलाला पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। उसका कहना है कि मलाला को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि वह पश्चिमी विचारों और धर्मनिरपेक्ष सरकार का समर्थन कर रही थी। मलिक ने कहा कि पाकिस्तान देश में कट्टरपंथियों और आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा, मैं आश्वासन देना चाहूंगा कि सैन्य नेतृत्व और असैन्य नेतृत्व समुचित समय पर सही कार्रवाई करेंगे, लेकिन फिलहाल खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई जारी है। मैं पाकिस्तान की जनता की ओर से यह अच्छी बात कह सकता हूं कि जनता तालिबान को या चरमपंथ को नहीं चाहती।
मलिक ने साक्षात्कार में कहा, यह साजिश अफगानिस्तान में रची गई थी। निश्चिततौर पर इसके पीछे मुल्ला फजलुल्ला का हाथ है, जो मलाकांद स्वात में हमारी कार्रवाई के बाद भाग खड़ा हुआ था। यह साजिश वहां रची गई और चार लोग वहां से आए।
उन्होंने कहा, जब उन्होंने मलाला पर हमला किया, उस वक्त तक हमें यह नहीं पता था कि उनका उद्देश्य क्या था और वे किस तरह के कदम उठाने वाले हैं। हमने एक और व्यक्ति की पहचान की है और उसके कुछ सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों में से एक के सहयोगी की वित्त व्यवस्था करने वाले एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है।
मलिक ने कहा कि मलाला पर हमले की जिम्मेदारी लेने वाले तहरीक-ए-तालिबान के सरगना के ऊपर 10 लाख डॉलर का इनाम रखा गया है और खुफिया एजेंसियां इसमें शामिल लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। तहरीक-ए-तालिबान के सरगना ने दावा किया है कि मलाला पर हमला टीटीपी ने किया।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को स्वात घाटी में मलाला के गृहनगर मिंगोरा में उस पर एवं उसकी दो सहपाठियों पर हमला किया गया था। उसे तालिबान के खिलाफ बोलने तथा बालिका शिक्षा की वकालत करने के लिए निशाना बनाया गया। उसकी रीढ़ की हड्डी के समीप से एक गोली को निकाले जाने के बाद उसे पेशावर से गुरुवार को रावलपिंडी में सेना के एक प्रमुख अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसे इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया है।
प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने मलाला पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। उसका कहना है कि मलाला को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि वह पश्चिमी विचारों और धर्मनिरपेक्ष सरकार का समर्थन कर रही थी। मलिक ने कहा कि पाकिस्तान देश में कट्टरपंथियों और आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा, मैं आश्वासन देना चाहूंगा कि सैन्य नेतृत्व और असैन्य नेतृत्व समुचित समय पर सही कार्रवाई करेंगे, लेकिन फिलहाल खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई जारी है। मैं पाकिस्तान की जनता की ओर से यह अच्छी बात कह सकता हूं कि जनता तालिबान को या चरमपंथ को नहीं चाहती।
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