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This Article is From Jul 12, 2011

फर्जी टीकाकरण के जाल में फंसा ओसामा : रिपोर्ट

न्यूयॉर्क: अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में फर्जी टीकाकरण कार्यक्रम चलाया था ताकि यहां छिपे ओसामा बिन लादेन के परिवार की डीएनए जानकारी हासिल करके यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि आलीशान परिसर में रहने वाला व्यक्ति अलकायदा का सरगना ही है। प्रतिष्ठित समाचार पत्र द न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, यह फर्जी टीकाकरण कार्यक्रम पाकिस्तानी चिकित्सक शकील अफरीदी की ओर से चलाया गया था। अमेरिकी सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों ने अफरीदी को गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें संदेह था कि अफरीदी ने सही तरीके से सहयोग नहीं किया था। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि यह पाकिस्तानी चिकित्सक अब तक हिरासत में है। इस अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अफरीदी उस परिसर में गया था, हालांकि वह ओसामा के परिवार वालों का डीएनए नमूना नहीं ले पाया था। यह चिकित्सक ओसामा को भी नहीं देख सका था। परिसर के भीतर के कुछ डीएनए नमूनों के मिलने के बाद उनका, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने ओसामा के परिवार वालों के पहले से मौजूद डीएनए नमूनों से मिलान किया और यहीं से साबित हो गया कि परिवार में रहने वाला शख्स कोई और नहीं, बल्कि ओसामा है। ऐबटाबाद में कार्रवाई से पहले अमेरिकी अधिकारी चाहते थे कि ओसामा की बहन के डीएनए नमूने का मिलान परिसर में रहने वाले लोगों के डीएनए नमूनों से किया जाए। बीते दो मई को अमेरिकी सुरक्षा बलों ने ऐबटाबाद में ओसामा को मार गिराया था। इसके बाद पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते में तल्खी आ गई थी। पिछले दिनों अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 80 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोक दी। उसका कहना है कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाना होगा।

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