इजरायल-हमास जंग का एक बहुत ही नाटकीय वीडियो सामने आया है. यह वीडियो वेस्ट बैंक के शहर जेनिन के सिना अस्पताल का है. रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की सेना ने इस अस्पताल में भेष बदलकर छापेमारी की है. इस छापेमारी के दौरान इजरायल के कमांडो ने डाक्टरों जैसे कपड़े पहने और व्हीलचेयर लेकर अंदर घुसे. कुछ ने तो मुस्लिम महिलाओं की तरह कपड़े पहन रखे थे और कुछ ने नकली दाढ़ी लगा रखी थी ताकि वे फिलिस्तीनियों जैसे दिख सकें. एक ने तो दुधमुंहे बच्चे को ले जाने वाला कैरियर थाम रखा था. कमांडो तीसरी मंजिल के एक कमरे में दाखिल हुए और बेड पर लेटे तीन लोगों को मार दिया.
भेष बदलकर किए गए इस ऑपरेशन के बाद इजरायल फोर्स ने दावा किया है उसने हमास के तीन ऐसे आतंकियों को मार गिराया है जो सात अक्टूबर जैसे हमले की योजना बना रहे थे. एक का नाम जलामनेह बताया गया है. उसे जेनिन कैंप में हमास मिलिट्री विंग का प्रवक्ता बताया गया है. इजरायल के कमांडो अस्पताल में सुबह साढे पांच बजे घुसे और यह ऑपरेशन कुल 10 मिनट चला.
इस ऑपरेशन को लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या इस तरह से भेष बदलकर अस्पताल में घुसना और मरीजों की जान को खतरा पैदा करना उचित है? यही सवाल अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैट मिलर से भी पूछा गया. मैट मिलर यह कहते हुए इस ऑपरेशन का बचाव करते नजर आए कि इजरायल को इस बात का अधिकार है कि वह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए. हालांकि उन्होंने इसमें यह भी जोड़ा कि आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन करते समय अमेरिका हमेशा इस बात का ख़्याल रखने को कहता है कि आम लोगों की जान न जाए.
गाजा से इजरायली सेना की वापसी से इनकारदरअसल इजरायल की हमेशा से दलील रही है कि हमास अस्पतालों की आड़ में अपने ऑपरेशन चलाता है. यही वजह है कि गाजा में दर्जनों अस्पतालों को उसने निशाना बनाया है जहां बड़ी तादाद में लोगों की जान गई है. दक्षिणी गाजा के खान यूनुस के अल अमल अस्पताल में इजरायली सेना की तरफ से गोलाबारी की गई है. फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी के मुताबिक यहां करीब आठ हजार शरणार्थी भी हैं. इजरायल का दावा है कि वह सिर्फ हमास को निशाना बना रहा है. हमास के आंकड़ों के मुताबिक गाजा में 26 हजार से अधिक लोगों की जान गई है. जबकि इजरायल ने हमास के हजारों लड़ाकों को मारने का दावा किया है.
इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने गाजा से इजरायली सेना की वापसी की बात से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने इजरायल की जेलों में बंद हजारों फिलिस्तीनियों की रिहाई से भी मना कर दिया है. हमास ने अपने कब्जे में अब तक रखे गए 100 से अधिक बंधकों की रिहाई के लिए उक्त दो प्रमुख शर्तें रखी हैं. इस पर बात बनती नजर नहीं आ रही है.
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