
दुबई:
मैकेनिक से बिजनेसमैन बना एक भारतीय शख्स प्रसिद्ध बुर्ज खलीफा में 22 फ्लैट खरीदकर एकाएक सुर्खियों में आया है. केरल से ताल्लुक रखने वाले जॉर्ज वी नेरियापरामबिल ने कहा कि वह यहीं नहीं रुकेंगे और यदि आकर्षक प्रस्ताव मिलेंगे तो इस तरह के और भी फ्लैट खरीदेंगे.
खलीज टाइम्स से बात करते हुए जॉर्ज ने कहा, ''यदि मुझे अच्छे प्रस्ताव मिलेंगे तो मैं और भी खरीदूंगा. मैं सपने देखने वाला शख्स हूं और सपने देखना कभी नहीं छोडूंगा.'' दुनिया की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा में सबसे अधिक फ्लैट्स खरीदने वाली शख्सियतों में वह अब शुमार हो चुके हैं.
दरअसल इतने सारे फ्लैट खरीदने के पीछे भी एक दास्तान है. एक बार उनके एक रिश्तेदार ने इस 828 मीटर ऊंची इमारत के संबंध में उन पर तंज कस दिया था. वह बात उनको चुभ गई और उन्होंने प्रॉपर्टी खरीदने का निर्णय किया. जॉर्ज ने कहा, ''मेरे रिश्तेदार ने मजाक उड़ाते हुए कहा, इस बुर्ज खलीफा को देखो, तुम इसमें घुस तक नहीं सकते.''
उसके बाद 2010 में एक दिन अखबार में इस इमारत में किराये पर फ्लैट मिलने संबंधी एक इश्तहार उन्होंने देखा. उन्होंने उसी दिन उसको किराये पर ले लिया और अगले दिन से वहीं रहने लगे. अब छह साल बाद खाड़ी के इस सबसे पॉश पते पर 900 अपॉर्टमेंट वाली इस इमारत में उनके पास 22 फ्लैट हैं. इनमें से पांच उन्होंने किराये पर उठा दिए हैं और बाकी के लिए ''सही किरायेदार का इंतजार कर रहे हैं.''
जॉर्ज की खुद की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. उनका कहना है कि जब 1976 में शारजाह आए तो उन्होंने महसूस किया कि यहां की गर्म जलवायु में एयर कंडीशनिंग के बिजनेस के लिए अपार संभावनाएं हैं. उसके बाद अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने जीईओ ग्रुप ऑफ कंपनीज का साम्राज्य खड़ा किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खलीज टाइम्स से बात करते हुए जॉर्ज ने कहा, ''यदि मुझे अच्छे प्रस्ताव मिलेंगे तो मैं और भी खरीदूंगा. मैं सपने देखने वाला शख्स हूं और सपने देखना कभी नहीं छोडूंगा.'' दुनिया की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा में सबसे अधिक फ्लैट्स खरीदने वाली शख्सियतों में वह अब शुमार हो चुके हैं.
दरअसल इतने सारे फ्लैट खरीदने के पीछे भी एक दास्तान है. एक बार उनके एक रिश्तेदार ने इस 828 मीटर ऊंची इमारत के संबंध में उन पर तंज कस दिया था. वह बात उनको चुभ गई और उन्होंने प्रॉपर्टी खरीदने का निर्णय किया. जॉर्ज ने कहा, ''मेरे रिश्तेदार ने मजाक उड़ाते हुए कहा, इस बुर्ज खलीफा को देखो, तुम इसमें घुस तक नहीं सकते.''
उसके बाद 2010 में एक दिन अखबार में इस इमारत में किराये पर फ्लैट मिलने संबंधी एक इश्तहार उन्होंने देखा. उन्होंने उसी दिन उसको किराये पर ले लिया और अगले दिन से वहीं रहने लगे. अब छह साल बाद खाड़ी के इस सबसे पॉश पते पर 900 अपॉर्टमेंट वाली इस इमारत में उनके पास 22 फ्लैट हैं. इनमें से पांच उन्होंने किराये पर उठा दिए हैं और बाकी के लिए ''सही किरायेदार का इंतजार कर रहे हैं.''
जॉर्ज की खुद की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. उनका कहना है कि जब 1976 में शारजाह आए तो उन्होंने महसूस किया कि यहां की गर्म जलवायु में एयर कंडीशनिंग के बिजनेस के लिए अपार संभावनाएं हैं. उसके बाद अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने जीईओ ग्रुप ऑफ कंपनीज का साम्राज्य खड़ा किया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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