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अमेरिका में बोस्टन मैराथन के दौरान हुए दोहरे बम विस्फोटों के मामले में वॉशिंगटन की सोशल मीडिया वेबसाइटों पर लापता भारतीय मूल के छात्र सुनील त्रिपाठी को गलती से हमलावर समझ लिया गया।
सुनील के परिवार ने शाम को फेसबुक के जरिये यह संदेश दिया कि आप लोग जिन्होंने हमारा समर्थन किया उनका धन्यवाद।
सोशल मीडिया और मुख्यधारा के मीडिया के एक तबके में इसी बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि 22 साल का सुनील संदिग्ध हो सकता है। वह बीते 16 मार्च से लापता है।
इस अफवाह की शुरुआत गुरुवार की शाम उस वक्त हुई जब बोस्टन पुलिस और एफबीआई ने दो संदिग्धों के वीडियो जारी किए। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
लापता भारतीय छात्रा ब्राउन विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा था। बोस्टन पुलिस की ओर से दो चेचेन भाइयों को हमले का संदिग्ध बताए जाने के बाद सुनील के परिवार को राहत मिली।
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