अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि अमेरिकी सेना समलैंगिक सैनिकों को खुले रूप से स्वीकार करने को तैयार है।
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वाशिंगटन:
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि अमेरिकी सेना समलैंगिक सैनिकों को खुले रूप से स्वीकार करने को तैयार है। अब तक एक प्रतिबंध के चलते समलैंगिक सैनिकों को अपनी लैंगिकता छिपाने को मजबूर होना पड़ता था। इससे पहले समलैंगिकों के लिए सेना में कोई स्थान नहीं था। अगर वे सेना में भर्ती होना चाहते थे तो उन्हें अपने समलैंगिक होने की बात छिपानी पड़ती थी। उनके समलैंगिक होने की बात सामने आने पर उन्हें सेना से निकाल दिया जाता था। वर्ष 1993 से अब तक इस कानून के तहत 14 हजार लोगों को सेना से निकाला गया है। ओबामा ने एक बयान में कहा, आज हमने मत पूछो, मत बताओ के भेदभाव वाले कानून को मिटाने के लिए अंतिम और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कानून अमेरिका के निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन की ओर से यह स्वीकृति मिलने के बाद कि सेना समलैंगिक सैनिकों को खुले रूप से स्वीकार करने को तैयार है ओबामा ने यह बयान जारी किया।
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