ओस्लो:
नॉर्वे में बाल शोषण के कथित मामले के तहत गिरफ्तार भारतीय दंपति पर उनके बच्चे के साथ 'निरंतर बुरा बर्ताव' करने का आरोप लगाया गया है। इसके लिए अभियोजन पक्ष ने माता-पिता के लिए कम से कम 15 महीने की कैद की मांग की है।
ओस्लो पुलिस विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार इस दंपति को इस आशंका के चलते हिरासत में ले लिया गया कि वे कार्रवाई से बचने के लिए भारत वापस जा सकते हैं। बचाव पक्ष की अपीलों की सुनवाई पर कार्यवाही चल रही है और इस मामले पर फैसला ओस्लो की जिला अदालत में 3 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
पुलिस विभाग ने कहा, इस दंपति पर अपने बच्चे को धमकाने, हिंसा करने और दंड संहिता की धारा 219 के तहत लगातार अन्य गलत बर्तावों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अभियोजन पक्ष ने मां के लिए 15 माह और पिता के लिए 18 माह की कैद की सजा की मांग की है। इस मामले में फैसला सोमवार यानी 3 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
आंध्र प्रदेश के चंद्रशेखर वल्लभानेणि एक सॉफ्टवेयर पेशेवर हैं और उनकी पत्नी अनुपमा भारतीय दूतावास में एक अधिकारी हैं। इन दोनों को ही ओस्लो की पुलिस ने हिरासत में लिया था। हैदराबाद में चंद्रशेखर के भतीजे वी सैलेंदर ने दावा किया कि पुलिस ने चंद्रशेखर को उनके सात साल के बच्चे की शिकायत पर गिरफ्तार किया था।
बच्चे ने स्कूल अध्यापकों से शिकायत की थी कि उनके माता-पिता उन्हें उनकी हरकतों की वजह से भारत वापस भेजने की धमकी दे रहे हैं। सैलेंदर ने कहा, बच्चे ने अपने स्कूल की बस में पैंट में ही पेशाब कर दिया था, जिसकी जानकारी उसके पिता को की गई थी। इस पर बच्चे के पिता ने उसे धमकाया कि अगर उसने ऐसा दोबारा किया, तो वह उसे भारत भेज देंगे।
सैलेंदर ने यह भी बताया कि बच्चा स्कूल से खिलौने भी लाता हुआ पाया गया था। अभी कुछ महीने पहले ही एक अन्य भारतीय दंपति और उनके बच्चों का ऐसा मामला सामने आया था। तब तीन वर्षीय अभिज्ञान और चार वर्षीय ऐश्वर्या नामक दो बच्चों को नॉर्वे की बाल कल्याण संस्था ने उनके माता-पिता अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य से 'भावनात्मक अलगाव' होने के आधार पर बीते साल मई माह में अलग कर दिया था।
ओस्लो पुलिस विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार इस दंपति को इस आशंका के चलते हिरासत में ले लिया गया कि वे कार्रवाई से बचने के लिए भारत वापस जा सकते हैं। बचाव पक्ष की अपीलों की सुनवाई पर कार्यवाही चल रही है और इस मामले पर फैसला ओस्लो की जिला अदालत में 3 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
पुलिस विभाग ने कहा, इस दंपति पर अपने बच्चे को धमकाने, हिंसा करने और दंड संहिता की धारा 219 के तहत लगातार अन्य गलत बर्तावों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अभियोजन पक्ष ने मां के लिए 15 माह और पिता के लिए 18 माह की कैद की सजा की मांग की है। इस मामले में फैसला सोमवार यानी 3 दिसंबर को सुनाया जाएगा।
आंध्र प्रदेश के चंद्रशेखर वल्लभानेणि एक सॉफ्टवेयर पेशेवर हैं और उनकी पत्नी अनुपमा भारतीय दूतावास में एक अधिकारी हैं। इन दोनों को ही ओस्लो की पुलिस ने हिरासत में लिया था। हैदराबाद में चंद्रशेखर के भतीजे वी सैलेंदर ने दावा किया कि पुलिस ने चंद्रशेखर को उनके सात साल के बच्चे की शिकायत पर गिरफ्तार किया था।
बच्चे ने स्कूल अध्यापकों से शिकायत की थी कि उनके माता-पिता उन्हें उनकी हरकतों की वजह से भारत वापस भेजने की धमकी दे रहे हैं। सैलेंदर ने कहा, बच्चे ने अपने स्कूल की बस में पैंट में ही पेशाब कर दिया था, जिसकी जानकारी उसके पिता को की गई थी। इस पर बच्चे के पिता ने उसे धमकाया कि अगर उसने ऐसा दोबारा किया, तो वह उसे भारत भेज देंगे।
सैलेंदर ने यह भी बताया कि बच्चा स्कूल से खिलौने भी लाता हुआ पाया गया था। अभी कुछ महीने पहले ही एक अन्य भारतीय दंपति और उनके बच्चों का ऐसा मामला सामने आया था। तब तीन वर्षीय अभिज्ञान और चार वर्षीय ऐश्वर्या नामक दो बच्चों को नॉर्वे की बाल कल्याण संस्था ने उनके माता-पिता अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य से 'भावनात्मक अलगाव' होने के आधार पर बीते साल मई माह में अलग कर दिया था।
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