मलाला युसुफजई
नई दिल्ली:
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई गुरुवार को पाकिस्तान लौट गई हैं. साल 2012 में तालिबानी आतंकियों द्वारा किये गये हमले के बाद मलाला की यह पहली पाकिस्तान यात्रा है. पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि मलाला उस घटना के बाद पहली बार पाकिस्तान लौटी हैं, जब साल 2012 में लड़कियों के लिए शिक्षा की वकालत करने के लिए तालिबान के एक बंदूकधारी ने उन्हें सिर पर गोली मारी थी. यानी पूरे 6 साल बाद मलाला अपने देश वापस गई हैं. बता दें कि तालिबानी हमले के बाद मलाला ने पाकिस्तान छोड़ दिया था और वह इंग्लैंड में रहने लगी थीं.
सरकारी अधिकारी ने मलाल के इस ट्रिप को लेकर बताया कि उनकी इस यात्रा कार्यक्रम को काफी गुप्त रखा गया है. यह सुरक्षा के लिहाज से किया उठाया गया कदम है. उम्मीद की जा रहा है कि मलाला चार दिनों की पाकिस्तान यात्रा पर हैं और इस दौरान वह पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकन अब्बासी से भी मुलाकात करेंगी.
20 वर्षीय मलाला युसुफजई को कड़ी सुरक्षा के बीच अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे निकलते देखा गया है. यह जानकारी वहां के लोकल मीडिया ने, फोटोग्राफ्स के आधार पर दी है.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2012 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात की घाटी में जब मलाला अपनी साथियों के साथ स्कूल बस में स्कूल जा रही थीं, तभी तालिबानियों ने बस को रोक लिया और उसमें चढ़ गये. एक बंदूकधारी ने मलाला का नाम पूछकर उनके सिर में गोली मारी थी, जिसके बाद से मलाला मानव अधिकारों की ग्लोबल सिंबल बन गई थीं और लड़कियों की शिक्षा के लिए एक मुखर कैंपेनर. बता दें कि लड़कियों के लिए शिक्षा की वकालत करने पर तालिबान ने इस 18 वर्षीय पाकिस्तानी किशोरी की सिर में गोली मार दी थी.
गोली लगने के बाद मलाला का इलाज ब्रिटिश सिट बर्मिंघम में किया गया था, जहां उन्होंने अपनी स्कूलिंग पूरी की. साल 2014 में मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने अपनी कैंपेनिंग जारी रखी.
सरकारी अधिकारी ने मलाल के इस ट्रिप को लेकर बताया कि उनकी इस यात्रा कार्यक्रम को काफी गुप्त रखा गया है. यह सुरक्षा के लिहाज से किया उठाया गया कदम है. उम्मीद की जा रहा है कि मलाला चार दिनों की पाकिस्तान यात्रा पर हैं और इस दौरान वह पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकन अब्बासी से भी मुलाकात करेंगी.
20 वर्षीय मलाला युसुफजई को कड़ी सुरक्षा के बीच अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे निकलते देखा गया है. यह जानकारी वहां के लोकल मीडिया ने, फोटोग्राफ्स के आधार पर दी है.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2012 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात की घाटी में जब मलाला अपनी साथियों के साथ स्कूल बस में स्कूल जा रही थीं, तभी तालिबानियों ने बस को रोक लिया और उसमें चढ़ गये. एक बंदूकधारी ने मलाला का नाम पूछकर उनके सिर में गोली मारी थी, जिसके बाद से मलाला मानव अधिकारों की ग्लोबल सिंबल बन गई थीं और लड़कियों की शिक्षा के लिए एक मुखर कैंपेनर. बता दें कि लड़कियों के लिए शिक्षा की वकालत करने पर तालिबान ने इस 18 वर्षीय पाकिस्तानी किशोरी की सिर में गोली मार दी थी.
गोली लगने के बाद मलाला का इलाज ब्रिटिश सिट बर्मिंघम में किया गया था, जहां उन्होंने अपनी स्कूलिंग पूरी की. साल 2014 में मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने अपनी कैंपेनिंग जारी रखी.
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