मॉस्को:
रूस ने आगामी एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (अपेक) शिखर सम्मेलन के दौरान जापान के साथ शांति समझौते के मुद्दे का समाधान होने से इनकार किया है। यह शिखर सम्मेलन पूर्वी छोर के शहर व्लादिवोस्तोक में होने वाला है।
रूस और जापान के बीच लम्बे समय से प्रशांत के चार विवादित द्वीपों की सम्प्रभुता को लेकर विवाद चल रहा है। इन द्वीपों को जापान में उत्तरी क्षेत्र कहा जाता है और रूस में दक्षिणी कुरिल द्वीप कहा जाता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मास्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के विद्यार्थियों के साथ मुलाकात में रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने कहा कि क्षेत्रीय विवाद और रूस व जापान के बीच शांति समझौते की मौजूदा समस्या अपेक प्रारूप के तहत नहीं सुलझाई जाएगी।
लावरोव ने शनिवार को कहा, "अपेक में किसी भी अंतराज्यीय, राजनीतिक या कानूनी व्यवस्थाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि 21 सदस्यीय यह क्षेत्रीय संगठन अपनी शुरुआत से ही आर्थिक बातचीत के एक मंच के रूप में काम कर रहा है।
दोनों देशों के बीच इस क्षेत्रीय विवाद के कारण दोनों देशों के बीच द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही शांति समझौता अवरुद्ध पड़ा हुआ है।
लावरोव ने हालांकि विद्यार्थियों से कहा कि शांति समझौते की अनुपस्थिति से रूस-जापान के बीच द्विपक्षीय सम्बंधों का विकास प्रभावित नहीं होगा। अपेक शिखर सम्मेलन 2 सितम्बर से 9 सितम्बर के बीच आयोजित है।
रूस और जापान के बीच लम्बे समय से प्रशांत के चार विवादित द्वीपों की सम्प्रभुता को लेकर विवाद चल रहा है। इन द्वीपों को जापान में उत्तरी क्षेत्र कहा जाता है और रूस में दक्षिणी कुरिल द्वीप कहा जाता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मास्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के विद्यार्थियों के साथ मुलाकात में रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने कहा कि क्षेत्रीय विवाद और रूस व जापान के बीच शांति समझौते की मौजूदा समस्या अपेक प्रारूप के तहत नहीं सुलझाई जाएगी।
लावरोव ने शनिवार को कहा, "अपेक में किसी भी अंतराज्यीय, राजनीतिक या कानूनी व्यवस्थाओं पर विचार नहीं किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि 21 सदस्यीय यह क्षेत्रीय संगठन अपनी शुरुआत से ही आर्थिक बातचीत के एक मंच के रूप में काम कर रहा है।
दोनों देशों के बीच इस क्षेत्रीय विवाद के कारण दोनों देशों के बीच द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही शांति समझौता अवरुद्ध पड़ा हुआ है।
लावरोव ने हालांकि विद्यार्थियों से कहा कि शांति समझौते की अनुपस्थिति से रूस-जापान के बीच द्विपक्षीय सम्बंधों का विकास प्रभावित नहीं होगा। अपेक शिखर सम्मेलन 2 सितम्बर से 9 सितम्बर के बीच आयोजित है।
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