मुंबई:
मुंबई से सटे कल्याण के रहने वाले चंदन गवई की न्यूयॉर्क में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। उनके माता-पिता की भी इस हादसे में मौत हो गई है। चंदन के भाई शवों को वापस भारत नहीं ला पा रहे हैं, पैसों की कमी आड़े आ रही है। परिजनों का आरोप है कि भारतीय दूतावास से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही, उधर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ट्विटर के जरिए उनसे संपर्क कर मदद का भरोसा दिलाया है।
अमेरिका के इंडिपेंडेंस डे के मौके पर 38 वर्षीय चंदन अपने परिवार के साथ आतिशाबाज़ी देखने निकले थे। तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी, हादसे में चंदन के अलावा उनके पिता कमलनयन और मां अर्चना की भी मौत हो गई। उनकी पत्नी कोमा में हैं और उनके 11 महीने के बेटे के दोनों हाथों में फ्रैक्चर है।
हादसे के बाद चंदन का छोटा भाई स्वप्निल और नीदरलैंड में रहने वाले आनंद न्यूयॉर्क पहुंचे लेकिन अभी तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। अपनी तकलीफ उन्होंने सोशल मीडिया और दूसरे मंचों से साझा की तब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीटर पर लिखा-
"मैं निजी तौर पर पूरे मामले को देख रही हूं और मेरे पास इसकी पूरी जानकारी है।"
उन्होंने आगे लिखा- "पेरेंट्स का अंतिम संस्कार वहां किया जा सकता है। लेकिन अमेरिकी कानून चंदन के अंतिम संस्कार की इजाजत तब तक नहीं देगा जब तक उनकी पत्नी इस पर अपनी रजामंदी नहीं दे देतीं।"
"न्यूयॉर्क की कांउंसलेट जनरल लगातार मेरे संपर्क में हैं। वह परिवार को मदद दिला रही हैं।"
हर शव को भारत लाने में तकरीबन 13 लाख रुपए का खर्च आएगा, जबकि अमेरिका में अंतिम संस्कार करने पर 4 लाख रुपए खर्च होंगे। परिवार कह रहा है उनके पास इतने पैसे नहीं हैं। भारतीय दूतावास मदद के बदले उनके बेईज्जती कर रहा है। चंदन के दोस्त उनके शव को भारत लाने के लिए ऑनलाइन मदद की गुहार लगा रहे हैं, परिवार का कहना है कि अमेरिका की एक स्वंयसेवी संस्था ने मदद के लिए लाखों डॉलर जुटाए हैं, लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से कोई मदद उन तक पहुंच नहीं पा रही है। परिवार को आखिरी उम्मीद भारत सरकार से ही है जिसने फिलहाल ट्विटर के माध्यम से मदद का भरोसा दिलाया है।
अमेरिका के इंडिपेंडेंस डे के मौके पर 38 वर्षीय चंदन अपने परिवार के साथ आतिशाबाज़ी देखने निकले थे। तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी, हादसे में चंदन के अलावा उनके पिता कमलनयन और मां अर्चना की भी मौत हो गई। उनकी पत्नी कोमा में हैं और उनके 11 महीने के बेटे के दोनों हाथों में फ्रैक्चर है।
हादसे के बाद चंदन का छोटा भाई स्वप्निल और नीदरलैंड में रहने वाले आनंद न्यूयॉर्क पहुंचे लेकिन अभी तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। अपनी तकलीफ उन्होंने सोशल मीडिया और दूसरे मंचों से साझा की तब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीटर पर लिखा-
"मैं निजी तौर पर पूरे मामले को देख रही हूं और मेरे पास इसकी पूरी जानकारी है।"
I am monitoring this case personally and I have all the details./1 https://t.co/qfcu2SePEb
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 16, 2016
उन्होंने आगे लिखा- "पेरेंट्स का अंतिम संस्कार वहां किया जा सकता है। लेकिन अमेरिकी कानून चंदन के अंतिम संस्कार की इजाजत तब तक नहीं देगा जब तक उनकी पत्नी इस पर अपनी रजामंदी नहीं दे देतीं।"
The last rites of parents is possible. But US laws do not permit cremation of Chandan as his wife is in coma and unable to give consent./2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 16, 2016
"न्यूयॉर्क की कांउंसलेट जनरल लगातार मेरे संपर्क में हैं। वह परिवार को मदद दिला रही हैं।"
CG New York is in regular touch with me. She is providing all assistance to the family./3
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 16, 2016
हर शव को भारत लाने में तकरीबन 13 लाख रुपए का खर्च आएगा, जबकि अमेरिका में अंतिम संस्कार करने पर 4 लाख रुपए खर्च होंगे। परिवार कह रहा है उनके पास इतने पैसे नहीं हैं। भारतीय दूतावास मदद के बदले उनके बेईज्जती कर रहा है। चंदन के दोस्त उनके शव को भारत लाने के लिए ऑनलाइन मदद की गुहार लगा रहे हैं, परिवार का कहना है कि अमेरिका की एक स्वंयसेवी संस्था ने मदद के लिए लाखों डॉलर जुटाए हैं, लेकिन कानूनी अड़चनों की वजह से कोई मदद उन तक पहुंच नहीं पा रही है। परिवार को आखिरी उम्मीद भारत सरकार से ही है जिसने फिलहाल ट्विटर के माध्यम से मदद का भरोसा दिलाया है।
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