नरेंद्र मोदी सरकार के साथ समग्र वार्ता प्रक्रिया को शुरू करने की शर्त रखते हुए पाकिस्तान ने सोमवार को यह स्पष्ट किया कि भारत को जम्मू्-कश्मीर जैसे 'विवादित' मुद्दों से निपटने में झिझक नहीं होनी चाहिए और उसे वार्ता को कोई पूर्व-शर्त भी नहीं रखनी चाहिए।
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा, 'अब दो लोकतांत्रिक देशों को फैसला करना है कि हमें कड़वाहट को खत्म करना है अथवा टकराव को अनिश्चितकाल के लिए बरकरार रखना है। दोनों देश और उनकी जनता गलत दिशा में बढ़ने तथा इतिहास के गलत पक्ष में होने की कीमत वहन नहीं कर सकते।'
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसी टिप्पणी करके पाकिस्तान स्वयं शर्तें रख रहा है।
उन्होंने पाकिस्तान में चल रहे मुंबई आतंकवादी हमले 26/11 की सुनवायी की धीमी गति पर भी सवाल उठाए।
बासित ने कहा कि पाकिस्तान नरेंद्र मोदी की भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर इस्लामाबाद यात्रा को लेकर आशान्वित है तथा उम्मीद जताई कि दोनों देश शीघ्र संवाद के जरिए 'मतभेदों और विवादों' का समाधान निकाल लेंगे।
भारतीय प्रेस क्लब के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, 'नरेंद्र मोदी जब भी पाकिस्तान का दौरा करने का फैसला करेंगे तब हम उनकी मेजबानी करने के लिए तैयार हैं। हमारे प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उन्हें आमंत्रित भी कर चुके हैं।'
उन्होंने कहा कि भारत में नयी सरकार के गठन के बाद शुरुआत के चार-पांच महीने महत्वपूर्ण होंगे और वही तय करेंगे कि द्विपक्षीय संबंध किस दिशा में आगे बढ़ेंगे।
भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा, 'अगले चार-पांच महीने महत्वपूर्ण हैं.. कैसे चीजें आगे बढ़ेंगी। लेकिन किसी भी वार्ता के लिए केाई पूर्व-शर्त नहीं हो सकती है।'
बासित ने कहा कि जम्मू-कश्मीर महत्वपूर्ण मुद्दा है और भारत सरकार को दुनिया से किए गए अपने वादे को पूरा करना है।
उन्होंने कहा, 'यह समग्र वार्ता का हिस्सा है। हम विवादित मुद्दों पर झिझकते नहीं हैं। जब हम सभी मुद्दों का हल निकालेंगे, तभी हम आगे बढ़ सकेंगे।'
बासित ने कहा कि इस्लामाबाद नई दिल्ली में बन रही नई सरकार के साथ काम करने को लेकर उत्सुक है और इस दौरान पाकिस्तान में भारत के साथ मित्रवत संबंधों को लेकर राष्ट्रीय सहमति है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार गंभीरता से यह मानती है कि राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संभावनाओं को खंगालने के लिए शांति बहुत आवश्यक है।
द्विपक्षीय मुद्दे का हल निकालने के लिए 'तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप' की संभावनाओं के बारे में पूछने पर बासित ने कहा कि अमेरिका जैसे देश हमेशा भारत और पाकिस्तान को वार्ता करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं लेकिन 'अंतत:, दोनों देशों को ही साथ बैठ कर बातचीत करनी है।'
यह पूछने पर कि कौन से मुद्दे महत्वपूर्ण हैं.. उच्चायुक्त ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, सियाचीन, व्यापार और संस्कृति सहित सभी मुद्दों पर बातचीत हो सकती है और सभी महत्वपूर्ण हैं।
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