इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि उनके मुल्क में लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है और वह किसी भी तरह से सेना के खिलाफ नहीं हैं।
पिछले दिनों पाकिस्तान की असैन्य सरकार और सेना आमने-सामने आ गए थे। उस वक्त पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंका भी लगाई जाने लगी थी।
विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में शामिल होने दावोस पहुंचे गिलानी ने कहा, ‘मैं इस वक्त संतुष्ट हूं। पाकिस्तान का पूरा समाज, बुद्धिजीवी, मीडिया, सांसद और नेता देश में लोकतंत्र चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र के अलावा लोग किसी और व्यवस्था के पक्ष में नहीं है। पाकिस्तान में संविधान है और हर व्यक्ति इसी दायरे में रहकर काम कर रहा है। पाकिस्तान में लोकतंत्र मजबूत है और आगे भी मजबूत बना रहेगा। संविधान के खिलाफ जाने की किसी की मंशा नहीं है।’
रक्षा सचिव पद से खालिद नईम लोधी को बर्खास्त करने के बाद के स्थिति का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा, ‘उस वक्त यह धारणा पैदा की गई कि सरकार और सेना के बीच टकराव है। इस मामले में एक जिम्मेदार व्यक्ति को हटाया गया। सेना के खिलाफ मैं बिल्कुल नहीं हूं।’
पिछले दिनों पाकिस्तान की असैन्य सरकार और सेना आमने-सामने आ गए थे। उस वक्त पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंका भी लगाई जाने लगी थी।
विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में शामिल होने दावोस पहुंचे गिलानी ने कहा, ‘मैं इस वक्त संतुष्ट हूं। पाकिस्तान का पूरा समाज, बुद्धिजीवी, मीडिया, सांसद और नेता देश में लोकतंत्र चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र के अलावा लोग किसी और व्यवस्था के पक्ष में नहीं है। पाकिस्तान में संविधान है और हर व्यक्ति इसी दायरे में रहकर काम कर रहा है। पाकिस्तान में लोकतंत्र मजबूत है और आगे भी मजबूत बना रहेगा। संविधान के खिलाफ जाने की किसी की मंशा नहीं है।’
रक्षा सचिव पद से खालिद नईम लोधी को बर्खास्त करने के बाद के स्थिति का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा, ‘उस वक्त यह धारणा पैदा की गई कि सरकार और सेना के बीच टकराव है। इस मामले में एक जिम्मेदार व्यक्ति को हटाया गया। सेना के खिलाफ मैं बिल्कुल नहीं हूं।’
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