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This Article is From Jan 14, 2011

'विवादपूर्ण सम्बंध नहीं रख सकते भारत और चीन'

विदेश सचिव निरूपमा राव ने कहा कि चीन और भारत के बीच 'एक विवादपूर्ण अथवा प्रतिद्वंदितायुक्त' सम्बंध से दोनों देशों का भला नहीं होगा।
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सिंगापुर: विदेश सचिव निरूपमा राव ने गुरुवार को यहां कहा कि चीन और भारत के बीच 'एक विवादपूर्ण अथवा प्रतिद्वंदितायुक्त' सम्बंध से दोनों देशों का भला नहीं होगा। उन्होंने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक पारदर्शी बातचीत का आह्वान किया। राव सिंगापुर कंसोर्टियम में भारत-चीन संवाद के लिए 'रवींद्रनाथ टैगोर विजन ऑफ इंडिया एंड चाइना : ए ट्वंटी फर्स्ट सेंचुरी पर्सपेक्टिव' पर अपने विचार रख रही थीं। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि दोनों देशों के बीच संतुलन एक पारदर्शी व्यापक बातचीत से निकलकर आनी चाहिए। शब्दों का इस्तेमाल और उसकी प्रासंगिकता टैगोर जैसे विचारकों से सीखते हुए यह अनुभव करना चाहिए कि एक विवादपूर्ण अथवा प्रतिद्वंद्वितायुक्त सम्बंध भारत और चीन का भला नहीं कर सकते।" राव ने कहा, "दोनों शक्तिशाली देशों के बीच  सार्थक बातचीत से ही एशिया की शताब्दी में शांति और स्थिरता कायम रहेगी।" उन्होंने कहा कि 'भारत और चीन के बीच असाधारण सद्भाव' की अवधारणा भविष्य के रिश्तों को परिभाषित कर सकती है। विदेश सचिव ने कहा कि यदि भारत और चीन अपने आर्थिक विकास के साथ अपनी सांस्कृतिक और सभ्यता के मूल्यों का आदान-प्रदान करते हैं तो वे रचनात्मकता और नन्वोन्मेष के एक केंद्र के रूप में उभर सकते हैं और इससे दोनों देशों के बीच एक उपयुक्त नया प्रतिमान स्थापित होगा।

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