इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के नेताओं ने एक सरकारी अस्पताल में नौ नर्सों को कथित तौर पर जहर दिए जाने की घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। रविवार की रात कराची के एक सरकारी अस्पताल की नौ नर्सें अपने छात्रावास में तैयार कथित जहरीली चाय पीने के बाद बीमार हो गई थीं।
समुदाय का दावा है कि इन नर्सों को उनकी आस्था के चलते जानबूझकर जहर दिया गया। एक प्रभावित नर्स के अनुसार, उनकी एक सहयोगी ने रात 10 बजे के बाद चाय बनाई, जिसे पीने के बाद वह लोग बीमार हो गईं। नर्सों को सरकारी अस्पताल के इमरजेन्सी वार्ड ले जाया गया और इलाज के बाद वापस भेज दिया गया। अगली सुबह उन्हें फिर समस्या हुई, जिसके बाद पुन: उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
सांसद सलीम खोखर ने 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' को बताया कि सरकार और पुलिस को जहर दिए जाने का असली कारण पता करने के लिए संयुक्त रूप से जांच करानी चाहिए। शुरू में अफवाहें थीं कि जहर इसलिए दिया गया, क्योंकि नर्सें चाय पी रही थीं, जबकि उनकी मुस्लिम सहयोगी नर्सें रमजान के पवित्र माह के दौरान रोजा रखे हुए थीं।
समुदाय का दावा है कि इन नर्सों को उनकी आस्था के चलते जानबूझकर जहर दिया गया। एक प्रभावित नर्स के अनुसार, उनकी एक सहयोगी ने रात 10 बजे के बाद चाय बनाई, जिसे पीने के बाद वह लोग बीमार हो गईं। नर्सों को सरकारी अस्पताल के इमरजेन्सी वार्ड ले जाया गया और इलाज के बाद वापस भेज दिया गया। अगली सुबह उन्हें फिर समस्या हुई, जिसके बाद पुन: उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
सांसद सलीम खोखर ने 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' को बताया कि सरकार और पुलिस को जहर दिए जाने का असली कारण पता करने के लिए संयुक्त रूप से जांच करानी चाहिए। शुरू में अफवाहें थीं कि जहर इसलिए दिया गया, क्योंकि नर्सें चाय पी रही थीं, जबकि उनकी मुस्लिम सहयोगी नर्सें रमजान के पवित्र माह के दौरान रोजा रखे हुए थीं।
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