न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि हालांकि 'चीन अपने हितों को लेकर अधिक मुखर हो जाता है' इसके बावजूद साझा हित हैं, जिन पर दोनों देशों को सहयोग करना चाहिए. आशिंक रूप से चीन और सोलोमन द्वीप समूह के बीच साल की शुरुआत में एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने के कारण सुरक्षा और दक्षिण प्रशांत क्षेत्र बीजिंग की बढ़ती उपस्थिति पर न्यूजीलैंड ने हाल ही में अपने स्वर सख्त किए हैं. वहीं साथ ही न्यूजीलैंड चीन पर व्यापार के लिए निर्भर है.
रायटर्स में छपी खबर के मुताबिक- जैसिंडा ने कहा कि हम उन दृष्टिकोणों और परिणामों की भी वकालत करेंगे जो न्यूजीलैंड के हितों और मूल्यों को दर्शाते हैं और उन मुद्दों पर बात करेंगे, जिन पर बात नहीं हो रही है. चीन से हमारे गहरे मतभेद, लेकिन उसे दरकिनार भी नहीं कर सकते.
न्यूज़ीलैंड ने लगातार आर्थिक दबाव, मानवाधिकारों के उल्लंघन और विशेष रूप से शिनजियांग में उइगरों के साथ व्यवहार, हांगकांग में लोकतंत्र की वकालत करने वाले और हाल ही में प्रशांत क्षेत्र में संभावित सैन्यीकरण के बारे में चिंता व्यक्त की है. कई मौकों पर न्यूजीलैंड ये चिंताएं पर संयुक्त बयानों का हिस्सा रही हैं. अर्डर्न ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में मतभेदों को मैनेज करना हमेशा आसान नहीं होता और इसकी "कोई गारंटी नहीं होती."
उन्होंने कहा कि वह खुद मंत्रिस्तरीय यात्राओं की प्रतीक्षा कर रही थीं. जब COVID नियमों में ढील दी गई तो उन्होंने वहां एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की योजना बनाई थी और दोनों देशों के बीच विदेशमंत्रियों के दौरे की भी संभावना थी.
ये Video भी देखें :गाड़ी में पैसे मिलने के मामले में बुरे फंसे तीनों विधायक, कांग्रेस ने पार्टी से निकाला
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं