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This Article is From Jan 30, 2020

वैज्ञानिकों ने शेयर की सूरज की Close-Up Pic, इससे पहले कभी नहीं देखी गई ऐसी तस्वीर

इस टेलीस्‍कोप का इस्‍तेमाल सूरज की कार्यशैली के अध्‍ययन के लिए किया जाएगा. वैज्ञानिक सूरज के गतिशील बिहेवियर पर ताजा जानकारी इस उम्‍मीद में जुटाना चाहते हैं ताकि वह उसके ऊर्जावान आवेग की सही से भविष्‍यवाणी कर सकें, जिसे आमतौर पर 'अंतरिक्ष का मौसम' कहा जाता है.

वैज्ञानिकों ने शेयर की सूरज की Close-Up Pic, इससे पहले कभी नहीं देखी गई ऐसी तस्वीर
इस तस्वीर को डेनियल के इंनौए सोलर टेलिस्कोप (DKIST) द्वारा जारी किया गया है.
लंदन:

यूएस के एस्ट्रोनॉट ने सूरज की अशांत सतह की कभी न देखी गई तस्वीरें शेयर की है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हवाई में स्थित डेनियल के इंनौए सोलर टेलिस्कोप (DKIST) ने ऐसी तस्वीरें जारी की हैं, जो सूरज के 30 किलोमीटर छोटे क्षेत्र को दिखा रही है. यह बेहद शानदार है क्योंकि इसे पृथ्वी के पैमाने के खिलाफ सेट किया गया था, जिसका डायमीटर 1.4 मिलियन किलोमीटर है और धरती से इसकी दूरी 149 मिलियन किलोमीटर है. 

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सेल जैसी संरचनाएं मोटे तौर पर अमेरिकी राज्य टेक्सास के आकार की हैं. वे गर्म, गैस, या प्लाज्मा के द्रव्यमान का संवहन कर रहे हैं. अधिक रोशनी वाले केंद्र वो है, जहां सोलर सामग्री बढ़ रही है और इसके आस-पास के हिस्‍सों में प्लाज्मा ठंडा हो रहा है. आपको बता दें कि DKIST एक नई सुविधा है, जो Haleakala में स्थित है. यह हवाई द्वीप के माउई (Maui) पर 3,000 मीटर ऊंचे ज्वालामुखी पर स्थित है.

इसका 4 एम का प्राथमिक शीशा दुनिया के सभी सोलर टेलीस्कोप में सबसे बड़ा है. इस टेलीस्‍कोप का इस्‍तेमाल सूरज की कार्यशैली के अध्‍ययन के लिए किया जाएगा. वैज्ञानिक सूरज के गतिशील बिहेवियर पर ताजा जानकारी इस उम्‍मीद में जुटाना चाहते हैं ताकि वह उसके ऊर्जावान आवेग की सही से भविष्‍यवाणी कर सकें, जिसे आमतौर पर 'अंतरिक्ष का मौसम' कहा जाता है.  

आवेशित कणों और चुंबकीय क्षेत्र के विशाल उत्सर्जन के कारण पृथ्वी के उपग्रहों को नुकसान पहुंचना, अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान पहुंचना, रेडियो संचार को कम करने और बिजली ग्रिडों को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है. 

DKIST सोलर ऑर्बिटर (सोलो) अंतरिक्ष वेधशाला का पूरक है, जिसे फ्लोरिडा में केप कैनाल से अगले हफ्ते लॉन्च किया जा रहा है. यह संयुक्त यूरोपीय-अमेरिकी जांच सतह से सिर्फ 42 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य के सबसे नज़दीकी सहूलियत बिंदु से तस्वीरें लेगा.

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