
- नेपाल में तख्तापलट के बाद हजारों कैदी जेलों से भाग गए और उनके अपराध रिकॉर्ड नष्ट हो गए हैं.
- नेपाल की सुदूर पश्चिम प्रदेश की धनगढ़ी जेल से कुल ६९७ कैदियों में से ६९२ कैदी फरार हो गए हैं.
- एक फरार कैदी ने अपनी गलती महसूस कर अपने परिजनों के साथ जेल में सरेंडर करने का निर्णय लिया था.
नेपाल में तख्तापलट हो चुका है. सरकार नाम की कोई चीज अभी वहां है नहीं. जब जेन-जी का आंदोलन हो रहा था, तब जेलों के ताले तोड़ दिए गए. हजारों कैदी आजाद हो गए. उनके अपराधों के रिकॉर्ड जला दिए गए. कंप्यूटर्स में दर्ज रिकॉर्ड भी जलकर खाक हो चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की 25 जेलों से करीब 15 हजार कैदी जेलों से भागे हैं.
एनडीटीवी की टीम ने नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रदेश की राजधानी कैलाली के धनगढ़ी पहुंची. धनगढ़ी की जेल को भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया और कैदियों को बाहर निकाल लिया. धनगढ़ी जेल में कुल 697 कैदी बंद थे. इनमें से पांच को छोड़कर 692 कैदी भाग गए.
धनगढ़ी जेल से जो 692 कैदी फरार
धनगढ़ी जेल से जो 692 कैदी फरार हुए, उनमें से एक कैदी को घर पहुंचने के बाद अपनी गलती का एहसास हुआ. अगली सुबह उसे लगा कि अभी तो वो बाहर आ गया है. लेकिन नई सरकार बनने के बाद पुलिस फिर से उसे ढूंढेगी और अगर तब पुलिस ने पकड़ा तो जेल से भागने का एक और मुकदमा दर्ज हो सकता है. ऐसे में उस कैदी ने सरेंडर करने का फैसला किया.
सरेंडर करने की गुहार
सरेंडर करने का फैसला लेकर वो अपने दो परिजनों के साथ जेल वापस पहुंचा. जेल में कुछ सुरक्षाकर्मी अंदर थे और बाहर के गेट पर ताला लगा था. फरार हुए कैदी ने आवाज लगाई कि उसे सरेंडर करना है. अंदर बैठे सुरक्षाकर्मी ने उसकी गुहार को अनसुना कर दिया. उसने दोबारा आवाज लगाई. लेकिन उसे अंदर लेने के आग्रह को कोई सुन ही नहीं रहा था.
एक बार, दो बार, तीन बार और फिर बार बार आवाज लगाने पर एक सुरक्षाकर्मी बाहर वाले गेट के पास आया. कारण पूछा, जवाब मिला कि मैं कल भाग गया था. मुझे वापस जेल में ले लो. सुरक्षाकर्मी वापस लौटा, अपने अधिकारी से पूरा मामला बताया. अधिकारी ने क़ैदी को वापस लेने की अनुमति दे दी और तब जाकर उस कैदी को वापस जेल में डाला गया.
एनडीटीवी ने जेल में सरेंडर करने वाले कैदी के परिजन से जेल वापसी का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि कल जेल से भागने के बाद उसे लगा कि दोबारा पकड़े गए तो शायद सजा दोगुनी हो जाए. साथ ही अगर सरेंडर कर देंगे तो अगली सरकार उसे अच्छा नागरिक मानते हुए उसकी सजा माफ कर दे.
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