नेपाल विमान हादसे (Nepal Plane Crash) के बाद मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बाल-बाल बचने का दावा करते हुए कहा कि पांच भारतीय समेत 72 लोगों को ले जा रहा यति एयरलाइंस का विमान जब उनकी बस्ती के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ तब उन्होंने बम विस्फोट जैसी आवाज सुनी. हिमालयी राष्ट्र में पिछले 30 से अधिक वर्षों में हुआ यह सबसे भयानक विमान हादसा है. विमान में सवार 72 लोगों में से, कम से कम 68 लोगों की मौत हो गई. रिजॉर्ट शहर पोखरा में हाल ही में शुरु किए गए हवाई अड्डे पर विमान उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
नेपाली अखबार ‘काठमांडू पोस्ट' से बातचीत के दौरान चश्मदीद कल्पना सुनार ने बताया कि वह अपने घर के आंगन में कपड़े धो रही थी, तभी उसने आसमान से एक विमान को गिरते हुए, उसकी ओर ही आते हुए देखा. उसने कहा, ‘‘विमान अजीब तरह से झुका था और कुछ पलों के बाद ही मैंने तेज धमाके की आवाज सुनी, मानो बम फट गया हो. फिर मैंने सेती घाटी से काला धुंआ निकलते देखा.''
विमान का एक पंख स्थानीय निवासी गीता सुनार के घर से करीब 12 मीटर दूर जमीन पर जा गिरा. बाल बाल बच गई गीता ने कहा कि अगर विमान उसके घर के थोड़ा भी करीब गिरता तो पूरी बस्ती तबाह हो जाती.
गीता ने बताया कि जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, वहां बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि बस्ती इसलिए बच गई क्योंकि विमान कुछ दूर गिरा, वरना हताहतों की संख्या और होती. गीता के अनुसार, सेती घाटी के दोनों तरफ आग लगी थी और लाशें इधर-उधर बिखरी पड़ी थीं.
घटना के समय वहां मौजूद बच्चों ने बताय़ा कि आसमान से तेजी से गोल घूमते हुए गिर रहे विमान से यात्रियों की चीखें सुनाई पड़ रही थीं. 11 साल के समीर और प्रज्वल पेरियार ने शुरू में सोचा कि विमान एक खिलौना है, लेकिन जब विमान करीब आया, तो वे भागे.
समीर ने बताया, ‘‘अचानक धुएं के कारण चारों ओर अंधेरा हो गया. ऐसा लग रहा था कि विमान के नीचे आते ही इसका पहिया हमें छू जाएगा.''
एक अन्य चश्मदीद बैंशा बहादुर बीके ने कहा कि यदि विमान सीधा गिरता तो वह बस्ती में गिरता और तब और अधिक नुकसान होता.
अखबार में उन्हें उद्धृत करते हुए बताया, ‘‘विमान की सात आठ खिड़कियां सही सलामत थीं जिससे हमें लगा कि यात्री अभी भी जीवित हो सकते हैं. लेकिन देखते ही देखते आग फैल गई... वह बहुत भयावह था.''
नेपाल के नागर विमानन प्राधिकरण (सीएएएन) के अनुसार, ‘यति एयरलाइंस' के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान ने पूर्वाह्न 10 बजकर 33 मिनट पर काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. पोखरा हवाई अड्डे पर उतरते वक्त विमान पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
विमान में कुल 68 यात्री और चालक दल के चार सदस्य सवार थे. विमान में पंद्रह विदेशी नागरिक सवार थे, जिनमें पांच भारतीय, चार रूसी, दो कोरियाई के अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, अर्जेंटीना, इजराइल का एक-एक नागरिक था.
रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में सवार चार लापता लोगों की तलाश का काम सोमवार को सुबह फिर शुरू किया. इससे पहले बचाव अभियान को रविवार रात रोक दिया गया था.
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड' ने रविवार को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सुरक्षाकर्मियों और सभी सरकारी एजेंसियों को प्रभावी बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया.
प्रधानमंत्री ने विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई थी.
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