रूस से एस- 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिकी प्रतिबंध से छूट की शर्तों को भारत ने पूरा करता है और इस मुद्दे पर ट्रम्प प्रशासन ने काफी लचीलापन दिखाया है. यह जानकारी मंगलवार को राजनयिक सूत्रों ने दी. उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली, मॉस्को के साथ अपने पुराने रक्षा संबंधों को खत्म नहीं कर सकता है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ के बीच वार्ता से एक दिन पहले छूट पर जोर दिये जाने की यह बात सामने आई है. दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है.
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ निजी एवं सार्वजनिक स्तर पर चर्चा हुई है और वॉशिंगटन के लिए यह थोड़ी चिंता की बात है. सूत्र ने बताया कि रूस के साथ हमारे पुराने रक्षा संबंध हैं जिन्हें हम खत्म नहीं कर सकते हैं. भारत ने पिछले वर्ष अक्टूबर में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए रूस से समझौता किया था. भारत ने अमेरिकी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए इस समझौते को आगे बढ़ाया.
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अमेरिका उन परिस्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ है जिनके कारण वह एस-400 जैसी प्रणाली खरीदने के लिए बाध्य है. उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने अमेरिकी पक्ष को उन कारणों की अच्छी तरह व्याख्या कर दी है और वे भारत की जरूरतों को समझते हैं. भारतीय पक्ष का मानना है कि वह उन जरूरतों को पूरा करता है जो जिसके तहत उसे अमेरिका विरोधियों पर प्रतिबंध कानून (सीएएटीएसए) से छूट मिलता है.
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सूत्र के अनुसार हम छूट के लिये सीएएटीएसएस शर्तों को पूरा करते हैं. हम बातचीत जारी रखेंगे. कानून में यह काफी स्पष्ट है कि किन परिस्थितियों में अमेरिकी प्रशासन से छूट मिल सकती है. इसलिए अगर आप कानूनी दृष्टि से देखते हैं तो हमारी समझ और आकलन है कि भारत उन जरूरतों को पूरा करता है. इसलिए (ट्रम्प) प्रशासन इतना लचीला है कि हम जो छूट चाहते हैं वह दे सकता है. (इनपुट भाषा से)
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