
Nasa Mission Sunita William's Return: नासा (Nasa) की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के 19 मार्च को पृथ्वी पर पहुंचने की उम्मीद है. सुनीता विलियम्स को ला रहा अंतरिक्ष यान मंगलवार तड़के ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक हो गया था. भारतीय मानक समय (Indian Standard Time) के अनुसार, सुबह 3.27 बजे 'स्प्लैशडाउन' होने की संभावना है. सुनीता विलियम्स अपने सहयोगी बुच विल्मोर के साथ 9 महीने बाद पृथ्वी पर लौटने वाली हैं. उनकी वापसी स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए हो रही है. इस अंतरिक्ष यान के जरिए 17 घंटे की यात्रा करने के बाद अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पृथ्वी पर लौटेंगे. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुए अंतरिक्ष यात्रियों के नए दल में नासा से ऐनी मैक्लेन और निकोल एयर्स शामिल हैं. वो दोनों सैन्य पायलट हैं. इनके अलावा जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव भी रवाना हुए हैं. ये दोनों विमानन कंपनियों के पूर्व पायलट हैं.
मिशन में सबसे खतरनाक क्या
ड्रैगन अंतरिक्ष यान 19 मार्च की सुबह 3.27 मिनट पर फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में स्प्लैश डाउन करेगा. हालांकि, पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करना अंतरिक्ष यात्रा के सबसे खतरनाक चरणों में से एक है. NASA के अनुसार, जैसे ही कोई अंतरिक्ष यान वायुमंडल में प्रवेश करता है, उसे चरम स्थितियों का सामना करना पड़ता है. उसे 7,000 डिग्री फ़ारेनहाइट तक के तापमान को झेलना पड़ता है. इस दौरान अंतरिक्ष यान ध्वनि की गति से 22 गुना से अधिक की गति से पृथ्वी के वायु मंडल में प्रवेश करेगा. इस कारण अंदर बैठे अंतरिक्ष यात्रियों को जबरदस्त दबाव और झटकों का सामना करना पड़ेगा.

क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी पर उतरते समय अपनी गति को धीमा करने के लिए एक के बाद एक दो पैराशूट खोलेगा. यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो कैप्सूल 17,000 मील प्रति घंटे (27,359 किलोमीटर प्रति घंटे) से अधिक की कक्षीय गति से 20 मील प्रति घंटे (32 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति पर आ जाएगा. इसके बाद वह फ्लोरिडा तट पर समुद्र में गिर जाएगा.

सुनीता विलियम्स की हेल्थ कैसी रहेगी
मगर, मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होंगी. अगर लैंडिंग सफल भी हो जाती है तो भी इतने समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण उनकी हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो चुकी होंगी. उनकी आंखों की रोशनी जा सकती है या कमजोर हो सकती है.
ये खतरे केवल तब बढ़ेंगे जब मानवता सौर मंडल में और भी आगे बढ़ेगी, जिसमें मंगल भी शामिल है, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य की सुरक्षा के लिए अभिनव समाधानों की मांग होगी
धरती पर लौटकर क्या दिक्कतें होंगी

बायलर कॉलेज के अंतरिक्ष चिकित्सा केंद्र में सहायक प्रोफेसर रिहाना बोखारी ने कहा कि भले ही सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की यात्रा काफी चर्चित रही हो लेकिन ये एक सामान्य बात है. आईएसएस मिशन आम तौर पर छह महीने तक चलते हैं, लेकिन कुछ अंतरिक्ष यात्री एक साल तक भी वहां रहते हैं. रिसर्चर्स को इस बात पर पूरा भरोसा है कि वे उस अवधि के दौरान अंतरिक्ष यात्री के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सक्षम हैं. ज़्यादातर लोग जानते हैं कि वज़न उठाने से मांसपेशियां और हड्डियां मज़बूत होती हैं. पृथ्वी पर सामान्य हरकत भी गुरुत्वाकर्षण का प्रतिरोध करती है और उससे हड्डियां काम करती हैं, मगर गुरुत्वाकर्षण ऑर्बिट में मौजूद नहीं है. इससे जूझने के लिए अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर तीन व्यायाम मशीनों का उपयोग करते हैं.
ये खतरा भी

रोजाना दो घंटे की कसरत उन्हें फिट रखती है. बोखारी ने बताया, "हमारे पास इसके नतीजे हैं कि जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटते हैं तो उनमें फ्रैक्चर की समस्या नहीं होती है. हालांकि, स्कैन में हड्डियों का नुकसान अभी भी पता लगाया जा सकता है." सेंट्रल फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस मेडिसिन के उपाध्यक्ष इमैनुएल उर्कीटा ने कहा कि सुनने की समस्या भी हर अंतरिक्ष यात्री के साथ होती है. उनके मूत्र में कैल्शियम का स्तर बढ़ सकता है, जिससे गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ सकता है.
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