वाशिंगटन:
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के स्विफ्ट उपग्रह को आकाशगंगा में एक अज्ञात ब्लैकहोल की मौजूदगी के साक्ष्य मिले हैं। नासा ने कहा है कि स्थिति के हिसाब से इसका नाम स्विफ्ट जे1745-26 रखा गया है और यह हमारी आकाशगंगा के केंद्र से कुछ डिग्री दूर धनु नक्षत्र की ओर मौजूद है।
अंतरिक्षविज्ञानियों को इसकी वास्तविक दूरी का पता नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि यह आकाशगंगा के भीतरी क्षेत्र से लगभग 20 से 30 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। नासा के उपग्रह ने आकाशगंगा की केंद्र की ओर मौजूद एक सूत्र से बड़ी ऊर्जा वाले एक्स-रे के ज्वार को उठते देखा है और इसमें होने वाले विस्फोट के कारण ही ब्लैकहोल की मौजूदगी की बात कही गई है।
इस अभियान के प्रधान जांचकर्ता नील गेहरेल्स ने कहा, प्रकाशित एक्स-रे नोवा बहुत दुलर्भ होते हैं और यह पहला ऐसा नोवा है, जिसे स्विफ्ट ने देखा है। वास्तव में हम इसी का इंतजार कर रहे थे। एक एक्स-रे नोवा अचानक काफी कम अवधि के लिए दिखता है और कुछ ही दिनों में अपने चरम पर पहुंच कर कई महीनों तक गायब हो जाता है।
इटली के मिलान स्थित ब्रेरा वेधशाला के वैज्ञानिक बोरिस बारुफटी ने उम्मीद जताई कि जैसे ही यह एक्स-रे का ज्वार हटेगा, इसके द्रव्यमान का पता लगा कर यह पुष्ट कर दिया जाएगा कि यह ब्लैकहोल है या नहीं। गौरतलब है कि ब्लैकहोल वह जगह होती है, जहां अत्याधिक गुरुत्वाकर्षण बल के कारण प्रकाश की किरणें वापस लौट नहीं पातीं।
अंतरिक्षविज्ञानियों को इसकी वास्तविक दूरी का पता नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि यह आकाशगंगा के भीतरी क्षेत्र से लगभग 20 से 30 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। नासा के उपग्रह ने आकाशगंगा की केंद्र की ओर मौजूद एक सूत्र से बड़ी ऊर्जा वाले एक्स-रे के ज्वार को उठते देखा है और इसमें होने वाले विस्फोट के कारण ही ब्लैकहोल की मौजूदगी की बात कही गई है।
इस अभियान के प्रधान जांचकर्ता नील गेहरेल्स ने कहा, प्रकाशित एक्स-रे नोवा बहुत दुलर्भ होते हैं और यह पहला ऐसा नोवा है, जिसे स्विफ्ट ने देखा है। वास्तव में हम इसी का इंतजार कर रहे थे। एक एक्स-रे नोवा अचानक काफी कम अवधि के लिए दिखता है और कुछ ही दिनों में अपने चरम पर पहुंच कर कई महीनों तक गायब हो जाता है।
इटली के मिलान स्थित ब्रेरा वेधशाला के वैज्ञानिक बोरिस बारुफटी ने उम्मीद जताई कि जैसे ही यह एक्स-रे का ज्वार हटेगा, इसके द्रव्यमान का पता लगा कर यह पुष्ट कर दिया जाएगा कि यह ब्लैकहोल है या नहीं। गौरतलब है कि ब्लैकहोल वह जगह होती है, जहां अत्याधिक गुरुत्वाकर्षण बल के कारण प्रकाश की किरणें वापस लौट नहीं पातीं।