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This Article is From May 24, 2020

कोरोनावायरस संकट के चलते दुनियाभर में मुसलमानों ने पाबंदियों के बीच मनाई ईद

दुनियाभर में लाखों मुसलमानों ने कोरोनावायरस के मद्देनजर घरों में सिमटे रहने के सख्त आदेशों और इसकी चपेट में आने के डर के बीच रमजान के पवित्र माह की समाप्ति पर ईद-उल-फितर का जश्न मनाया.

कोरोनावायरस संकट के चलते दुनियाभर में मुसलमानों ने पाबंदियों के बीच मनाई ईद
प्रतीकात्मक तस्वीर
जकार्ता:

दुनियाभर में लाखों मुसलमानों ने कोरोनावायरस के मद्देनजर घरों में सिमटे रहने के सख्त आदेशों और इसकी चपेट में आने के डर के बीच रमजान के पवित्र माह की समाप्ति पर ईद-उल-फितर का जश्न मनाया. ईद के मद्देनजर तीन दिन की छुट्टियां अक्सर घूमने, रिश्तेदारों से मिलने और खरीददारी करने का समय होता है लेकिन इस साल कई लोगों ने कोरोनावायरस संकट के चलते परिवार के करीबी सदस्यों के साथ इसे घर में ही मनाया. इंडोनेशिया में लाखों मुस्लिमों के लिए ईद-उल-फितर की छुट्टियां इस बार उदासी से भरी हुई हैं. रोजे रखने के पाक महीने रमजान के अंत में आमतौर पर तीन दिन तक बड़े उत्साह से जश्न मनाया जाता है लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद यह उत्साह इस बार ठंडा पड़ गया है.

विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश में संक्रमण के करीब 22,000 मामले सामने आए हैं और 1,350 लोगों की मौत हुई है जो दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे अधिक है. इसे देखते हुए मस्जिदों या खुले मैदानों में इस बार एकजुट होकर न नमाज पढ़ी जा सकी, न परिवारों का मिलना-जुलना हुआ और न रिश्तेदार इस बार बच्चों को ईदी (तोहफे) दे पाए.

तुर्की, इराक और जॉर्डन समेत कुछ देशों ने कर्फ्यू लगा रखा है लेकिन जहां कई पाबंदिया हटा भी दी गई वहां इसका जश्न फीका ही रहा क्योंकि लोगों के बीच इस संक्रामक रोग के फैलने का भय अब भी व्याप्त है. आचेह इंडोनेशिया का एकमात्र प्रांत है, जहां इस्लामी शरिया कानून लागू है. इस बेहद रूढ़िवादी प्रांत में मस्जिदों और मैदानों में सार्वजनिक रूप से ईद की नमाज पढ़ी जा सकेगी, लेकिन ऐसा किसी से हाथ मिलाए बिना और सीमित धर्मोपदेश के साथ किया जाएगा.

अल्लाह के नाम का आह्वान कर लाउडस्पीकरों के साथ सजे वाहनों की सार्वजनिक परेड इस साल प्रतिबंधित है. आचेह में पिछले कुछ हफ्तों में कोरोनावायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है और यहां अब तक संक्रमण के 19 मामले सामने आए हैं जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हुई है.

आचेह के विपरीत, जकार्ता की मस्जिदें और मैदान, जो ईद के दिन आमतौर पर भरे रहते थे, इस बार खाली दिखेंगे. जकार्ता में अधिकारियों ने लॉकडाउन को चार जून तक बढ़ा दिया है, सांप्रदायिक सभाओं पर रोक लगा दी है और निजी कारों के राजधानी से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

पड़ोसी मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में कई हफ्तों के लॉकडाउन के बाद कारोबार खुले लेकिन बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर अब भी पाबंदी है और लोगों को छुट्टियों के लिए अपने गृह नगर जाने की अनुमति नहीं दी गई है. पुलिस ने 5,000 से अधिक कारों को लौटा दिया और घर जाने की कोशिश करने वाले लोगों पर सख्त जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है. मलेशिया में संक्रमण के 7,185 मामले सामने आए हैं और 115 लोगों की मौत हो गई है.

पाकिस्तान में कोरोनावायरस के प्रकोप और शुक्रवार को कराची के समीप हुए विमान हादसे के बीच ईद मनाई गई. इस हादसे में 97 लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान में पहली बार एक ही दिन पर देशभर में ईद का जश्न मनाया जा रहा है. पाकिस्तान ने मार्च से ही कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ने डॉक्टरों की अपीलों और संक्रमण के बढ़ने मामलों के बावजूद रमजान के दौरान मस्जिदों को बंद रखने से इनकार कर दिया था. पाकिस्तान में कोरोनावायरस के 52,000 से अधिक मामले आए हैं और 1,100 लोग जान गंवा चुके हैं.

कराची में रविवार को एक खुले मैदान में 1,000 से अधिक श्रद्धालु एकत्रित हुए और उनमें से कुछ ने ही मास्क पहन रखे थे.
पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में सरकार और तालिबान ने ईद की छुट्टियों के मद्देनजर तीन दिन के संघर्ष विराम की घोषणा की. पश्चिम एशिया में कोरोनावायरस का सबसे अधिक प्रकोप झेल रहे ईरान ने कुछ मस्जिदों में नमाज की अनुमति दी लेकिन तेहरान में ईद की नमाज के लिए होने वाली बड़ी सभा को रद्द कर दिया. ईरान में कोविड-19 के 130,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और 7,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

बाल्कन क्षेत्र के मुस्लिम बहुल देशों अल्बानिया, बोस्निया-हर्जेगोविना और कोसोवो में वायरस से संबंधित पाबंदियां लागू रहीं.
यरुशलम में इजराइली पुलिस ने कहा कि उन्होंने अल-अक्सा मस्जिद के बाहर ‘‘अवैध प्रदर्शन'' को रोका और दो लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने इस मस्जिद को नमाज के लिए बंद कर दिया है. अल-अक्सा इस्लाम में तीसरा पवित्र स्थल है और ईद के दौरान अक्सर यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं.

ईद पर मस्जिदों में नहीं होगी नमाज

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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