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अच्छी नींद के लिए मुंह पर टेप लगाकर सोने का चल रहा ट्रेंड- समझिए यह क्यों खतरनाक है

Mouth Taping Trend: जानलेवा हो सकता है यह नया सोशल मीडिया ट्रेंड, वैज्ञानिकों ने स्टडी में बताया कि सोते समय मुंह पर टेप लगाने का ट्रेंड खतरनाक क्यों है.

अच्छी नींद के लिए मुंह पर टेप लगाकर सोने का चल रहा ट्रेंड- समझिए यह क्यों खतरनाक है
Mouth Taping Trend: जानलेवा हो सकता है यह नया सोशल मीडिया ट्रेंड

Mouth Taping Trend: बेड पर एकदम अच्छे से नींद आए, उसके लिए इंसान क्या कुछ नहीं करता. कई लोगों को इस बात की भी शिकायत रहती है कि वो सोते वक्त अपनी नाकों से नहीं बल्कि मुंह से सांस लेते हैं. अब इसको दूर करने के लिए एक नया सोशल मीडिया ट्रेंड चला है- माउथ टेपिंग का. यानी सोते वक्त अपने मुंह पर टेप चिपका लेने का ताकि बॉडी के लिए मुंह से सांस लेने का विकल्प ही नहीं रहे और खुद-ब-खुद इंसान नाकों से सांस लेने लगे. हालांकि स्टडी में यह बात पता चली है कि सोते समय मुंह से सांस लेने से रोकने के लिए मुंह पर टेप लगाने से दम घुटने का गंभीर खतरा हो सकता है. चलिए आपको हम एकदम आसान भाषा में बताते हैं कि इस स्टडी में क्या पता चला है. शुरुआत हम करते हैं कि यह सोशल मीडिया ट्रेंड है क्या.

Mouth Taping Trend: सोशल मीडिया का नया ट्रेंड, लोग कर क्या रहे हैं?

टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वायरल ट्रेंड वायरल है. इस ट्रेंड का नाम है Mouth Taping Trend. दरअसल यह ट्रेंड "मुंह से सांस लेने" को रोकने और नींद के दौरान नाक से सांस लेने को बढ़ावा देने के लिए मुंह पर टेप लगाने को बढ़ावा देता है. कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और मशहूर हस्तियों का दावा है कि मुंह पर टेप लगाने से बेहतर नींद आती है, ओरल हेल्थ बेहतर होता है और इंसान जल्दी बुजुर्ग नहीं होता.

Mouth Taping Trend: स्टडी में क्या खुलासा हुआ?

इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार एक नई रिव्यू स्टडी की गई है जिसमें इस मुद्दे पर की गई पिछली 10 स्टडी का मूल्यांकन किया गया. इनमें कुल 213 रोगियों में टेप या चिन स्ट्रैप जैसे अन्य उपकरणों या तकनीकों का उपयोग करके मुंह को बंद करने से क्या लाभ होता है, इसका आकलन किया गया.

रिपोर्ट के अनुसार इस रिव्यू स्टडी में पाया गया कि:

  • 10 में से दो स्टडी से पता चलता है कि मुंह पर टेप लगाने से हल्के ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया वाले लोगों के एक छोटे से सबसेट में मामूली सुधार हो सकता. लेकिन अन्य स्टडी में इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि इससे मुंह से सांस लेने, नींद में खलल डालने वाली सांस लेने या स्लीप एपनिया के इलाज में मदद मिलती है.
  • 10 में से चार स्टडी में यह गंभीर चेतावनी दी गई कि जिन लोगों के नाक के वायुमार्ग में पहले से कोई ब्लॉकेज है, यानी वो नाक से सांस नहीं ले पाते हैं, और अगर उन्होंने नींद के दौरान मुंह बंद करने के लिए टेप लगाया तो उनका दम तक घुट सकता है.
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि इतनी गंभीर नाक की रुकावट हे फीवर, क्रोनिक राइनाइटिस, विचलित सेप्टम, साइनोनसल रोग या बढ़े हुए टॉन्सिल जैसी स्थितियों के कारण हो सकती है. यानी अगर पहले से आपको इनमें से कोई परेशानी है और आपने ये ट्रेंड फॉलो किया तो स्थिति दम घुटने तक की आ सकती है.
  • रिपोर्ट के अनुसार इस स्टडी रिव्यू के सह-लेखक ब्रायन रोटेनबर्ग ने कहा है, "यह हमारे लिए चिंता का विषय था कि मशहूर हस्तियां और इन्फ्लुएंसर वैज्ञानिक प्रमाण के बिना मुंह पर टेप लगाने का समर्थन कर रहे हैं." उन्होंने लिखा, "बहुत से लोगों के लिए मुंह पर टेप लगाना उचित नहीं है और कुछ मामलों में इससे स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होने का खतरा हो सकता है."
  • डॉ रोटेनबर्ग ने बताया, "ये व्यक्ति अनजाने में अपने लक्षणों को बदतर बना रहे हैं और हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के लिए खुद को अधिक जोखिम में डाल रहे हैं." रिव्यू स्टडी के एक अन्य लेखक जेस री ने कहा, "हमें मजबूत वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने की जरूरत है. हमारी आशा है कि लोग नींद के दौरान अपने मुंह पर टेप लगाना बंद कर दें और समझें कि यह खतरनाक है."

इनपुट- इंडिपेंडेंट डॉट कॉम डॉट यूके

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