रबात:
भ्रष्टाचार, मूल्य वृद्धि और अन्य मुद्दों को लेकर मोरक्को के प्रमुख शहरों में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। इस्लामी नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चुनावी वादों को पूरा करने में विफलता को लेकर क्षोभ के मद्देनजर मानवाधिकार समूह, मजदूर संगठन और 20 फरवरी को आंदोलन करने वालों ने शनिवार को प्रदर्शन किया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि मोरक्को के सबसे बड़े शहर कासाब्लांका में करीब एक हजार लोग जुटे और भ्रष्टाचार विरोधी नारा लगाया। साथ ही उन्होंने मूल्य वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाई और जेल में बंद कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की।
राजधानी रबात में करीब 300 लोगों ने प्रधानमंत्री अब्देला बेंकीराने और किंग मोहम्मद छठे के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार विरोधी पोस्टर लहराए। एक पोस्टर पर लिखा था, ‘‘कार्यकर्ताओं को रिहा करो.. लोगों का उत्पीड़न रोका।’’ 20 फरवरी के आंदोलन के सुधारवादी सदस्यों को हाल के महीने में अवैध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए जेल भेजा गया है।
कार्यकर्ताओं ने पीजेडी पार्टी को ईंधन के मूल्यों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया। सरकार ने जब सब्सिडी कम करने की घोषणा की तो जून में पेट्रोल के मूल्य में 20 फीसदी की वृद्धि हो गई जिससे भोजन और अन्य सामानों की कीमतों में उछाल आ गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि मोरक्को के सबसे बड़े शहर कासाब्लांका में करीब एक हजार लोग जुटे और भ्रष्टाचार विरोधी नारा लगाया। साथ ही उन्होंने मूल्य वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाई और जेल में बंद कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की।
राजधानी रबात में करीब 300 लोगों ने प्रधानमंत्री अब्देला बेंकीराने और किंग मोहम्मद छठे के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार विरोधी पोस्टर लहराए। एक पोस्टर पर लिखा था, ‘‘कार्यकर्ताओं को रिहा करो.. लोगों का उत्पीड़न रोका।’’ 20 फरवरी के आंदोलन के सुधारवादी सदस्यों को हाल के महीने में अवैध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए जेल भेजा गया है।
कार्यकर्ताओं ने पीजेडी पार्टी को ईंधन के मूल्यों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया। सरकार ने जब सब्सिडी कम करने की घोषणा की तो जून में पेट्रोल के मूल्य में 20 फीसदी की वृद्धि हो गई जिससे भोजन और अन्य सामानों की कीमतों में उछाल आ गया।
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