चीन की शर्त के मुताबिक चीनी कोविड-19 टीके लगवा चुके 300 से अधिक भारतीयों ने उससे (चीन से) यात्रा पाबंदियां हटाने एवं उन्हें अपने काम-धंधे पर लौटने देने की इजाजत देने की अपील की है. 15 मार्च को चीन ने भारत एवं 19 अन्य देशों से आने वाले यात्रियों के लिए चीनी कोविड-19 वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया था. नई दिल्ली में चीनी दूतावास द्वारा जारी किये गये नोटिस में कहा गया था कि 15 मार्च, 2021 से व्यवस्थित तरीके से लोगों की आवाजाही को बहाल करने के उद्देश्य से भारत में चीनी दूतावास एवं वाणिज्य दूतावास चीन द्वारा निर्मित कोविड-19 टीका लेने एवं टीकाकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले लोगों को यात्रा सुविधा प्रदान करेंगे.
इस घोषणा से, चीन में कामधंधा करने वाले लेकिन भारत में कोविड-19 बीमारी की लंबी अवधि के बाद यात्रा पाबंदियों के चलते वहीं फंस गये सैकड़ों भारतीय दुविधा में आ गये क्योंकि भारत में चीनी टीके उपलब्ध नहीं थे. चीन में अपने कामधंधे पर लौटने एवं परिवारों से मिलने के लिए व्याकुल 300 से अधिक भारतीय चीनी टीके के लिए दुबई के अलावा नेपाल, मालदीव जैसे देशों में चले गये और वे वहां एक महीने से अधिक समय तक रहे. इसके चलते उन्हें भारी खर्चा भी उठाना पड़ा. लेकिन उनकी यह कोशिश व्यर्थ गयी क्योंकि चीनी दूतावास ने उनकी वापसी के लिए वीजा जारी करना शुरू नहीं किया है. उसके बाद 202 भारतीयों, जिन्होंने चीनी टीका लगवा लिया है, ने इस माह के प्रारंभ में भारत में चीन के राजदूत सन वीडोंग को संयुक्त पत्र लिखा. उन्होंने अपनी शीघ्र वापसी हेतु मदद की मांग करते हुए बीजिंग में भारतीय दूतावास को भी पत्र लिखा है.
चीनी राजदूत को भेजे पत्र में चीन में रहने वाले भारतीय समुदाय ने लिखा है, ‘‘माननीय सन सर, अब जबकि हमने चीनी टीका सफलतापूर्वक लगवा लिया है, ऐसे में कृपया हमें आगे का मार्ग दिखाइए. हम आपसे भारतीय नागरिकों को वीजा जारी करना शुरू करने का अनुरोध करते हैं जो पिछले साल नवंबर के प्रारंभ से रुका है.'' पत्र में 202 भारतीयों के नाम हैं जिन्होंने चीनी टीके लगवाये हैं. वैसे एसोसिएशन के एक सदस्य ने बताया कि टीके लगवाने वाले भारतीयों की संख्या 300 से अधिक है. इस संबंध में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि उन्हें भारत में चीनी दूतावास से संपर्क करना चाहिए. जब उनसे कहा गया कि वे पहले ही चीनी दूतावास से संपर्क कर चुके हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली तब उन्होंने कहा, मैं पहले ही इस मुद्दे पर चीन का सैद्धांतिक रुख स्पष्ट कर चुका हूं. ब्योरे के लिए मैं अब भी आपको भारत में चीनी दूतावास से संपर्क करने को कहूंगा.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं