फ्रांस की राजधानी पेरिस में जबरदस्त सिलसिलेवार आतंकी हमले हुए हैं। इन हमलों में कम से कम 129 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 200 लोग घायल हुए बताए जा रहे हैं। इस आंकड़े के ओर बढ़ने की आशंका है। फ्रांस में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है। वहीं, पेरिस में हमले के बाद मुंबई में चौकसी बढ़ा दी गई है। मुंबई में सभी थानों से सतर्क रहने को कह दिया गया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद ने इन आतंकी हमलों के लिए इस्लामिक स्टेट (आईएस) को जिम्मेदार ठहराया है और बिना किसी दया के जवाबी हमला करने का संकल्प लिया है। ओलांद ने इन हमलों को 'युद्ध की कार्रवाई' करार दिया। आपात सुरक्षा बैठक के बाद ओलांद ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया और देश की सुरक्षा को सबसे उच्चतम स्तर पर ले जाने की बात कही। (ओलांद का संकल्प, बगैर किसी रहम के करेंगे पलटवार)
फ्रांस पर और हमलों की धमकी
इस्लामिक स्टेट ने ऑनलाइन एक बयान जारी कर कहा कि 'विस्फोटकों वाली बेल्ट पहनकर और रायफल लेकर आठ भाइयों ने आक्रमणकारी फ्रांस पर हमला किया है।' इसके अलावा इस्लामिक स्टेट ने बिना किसी तारीख वाला एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें एक आतंकी कह रहा है कि फ्रांस तब तक शांति से नहीं रहेगा, जब तक वह अमेरिका की अगुवाई में उसके लड़ाकों पर हमलों में शामिल रहता है।
आतंकियों ने सड़कों पर मचाया खूब खून खराबा
पेरिस में इन जघन्य हमलों को अंजाम देने वाले कम से कम आठ आतंकवादियों ने आत्मघाती बेल्ट लपेट रखा था। उन्होंने पेरिस की सड़कों पर खून-खराबा मचाया। साल 2004 के मैड्रिड ट्रेन बम धमाकों के बाद यूरोप में यह अब तक का सबसे जघन्य हमला है। सबसे भयावह जनसंहार पूर्वी पेरिस में स्थित एक कंसर्ट हॉल बाताक्लां में हुआ, जहां एक अमेरिकी रॉक बैंड को प्रस्तुति देनी थी। हाथों में एके-47 लिए हुए चार हमलावर कंसर्ट हॉल में घुसे और कम से कम 82 लोगों की हत्या कर दी तथा कई लोगों को बंधक भी बनाया।
रेडियो प्रस्तोता पीयरे जनांसजाक ने कहा, 'उन्होंने गोलीबारी नहीं रोकी। उस वक्त हर तरफ खून और लाशें बिखरी हुई थीं। हर कोई भागने कर कोशिश कर रहा था।' उन्होंने कहा, 'मैंने उनको साफ तौर से यह कहते हुए सुना कि ओलांद की गलती है, यह तुम्हारे राष्ट्रपति की गलती है, उनको सीरिया में दखल नहीं देना चाहिए।'
नक्शे के जरिये जानिये 26/11 की तर्ज पर पेरिस में कहां-कहां हुए ये हमले
भारतीय राजदूत ने कहा, भारतीय सुरक्षित हैं...
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से फ्रांस में हुई यह अब तक की सबसे घातक हिंसात्मक घटना है। मारे गए लोगों में कोई भी भारतीय शामिल नहीं है। फ्रांस में भारत के दूतावास के नंबर यह हैं - 0140507070 और 0033140507070 । आप अपनों की खैर-खबर के लिए इस नबंर पर कॉल कर सकते हैं। फ्रांस में भारत के राजदूत मोहन कुमार ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पेरिस में सभी भारतीय सुरक्षित हैं। मोहन कुमार ने ट्वीट कर कहा, 'हम इन हमलों में प्रभावित लोगों के परिजनों के लिए प्रार्थना करते हैं। संकट की इस घड़ी में हम फ्रांस के साथ हैं।'
पेरिस हमले के एक चश्मदीद की जुबानी पढ़ें यह खतरनाक मंजर
आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादी 'यह सीरिया के लिए है' चिल्ला रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सिलसिलेवार विस्फोटों और गोलीबारी को अंजाम देने वाले हथियारबंद आतंकवादी लगातार यही चिल्ला रहे थे। स्वचालित राइफलों और विस्फोटकों वाली बेल्ट का इस्तेमाल कर हमलावरों ने राजधानी पेरिस की शाम को गमगीन करके रख दिया।
शार्ली हेब्दो से महज 200 मीटर दूरी पर है यह कंसर्ट हॉल..
स्थानीय खबरों के मुताबिक, 100 से अधिक लोग बैताक्लां कंसर्ट हॉल जोकि सेंट्रल पेरिस के कंसर्ट हॉल में मारे गए। यह हॉल शार्ली हेब्दो के पुराने ऑफिस से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। याद दिला दें कि शार्ली हेब्दो के कार्यालय पर जनवरी में आतंकियों ने हमला किया था।
राष्ट्रपति भी आ गए थे हमले की जद में
राष्ट्रपति ओलोंद खुद इस जघन्य हमले की जद में आ गए थे, जब वह उस स्टेडियम में थे, जिसके निकट आत्मघाती हमलावरों ने हमला किया। स्टेडियम से ओलोंद को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यहां फ्रांस और जर्मनी के बीच दोस्ताना फुटबाल मैच चल रहा था। धमाकों की आवाज के बीच भी यह मैच चलता रहा और फ्रांस ने विश्व कप विजेता जर्मनी टीम को 2-0 से हरा दिया।
हालांकि हमलों के बाद पेरिस में सभी खेल आयोजन रद्द कर दिए गए तथा संग्रहालयों और स्वीमिंग पूल जैसे स्थानों पर लोगों को पहुंचने से रोका गया है। स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। वहीं हमले के बाद रॉक बैंड यू2 ने पेरिस में शनिवार रात होने वाला अपना कंसर्ट रद्द कर दिया है। पेरिस के पुलिस प्रमुख माकइल कादोत ने कहा कि पेरिस और आसपास के इलाकों में गुरुवार तक के लिए प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। पढ़ें- अमेरिका में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई
वहीं कंसर्ट हॉल बाताक्लां में सबसे भयावह हमला हुआ, जहां 1,000 से अधिक प्रशंसक जमा थे। यहां 'इगल्स ऑफ डेथ मेटल' बैंड का कार्यक्रम होने वाला था। आत्मघाती बेल्ट पहने चार बंदूकधारियों ने यहां हमला किया और भीड़ पर गोलियां बरसाईं। हमलावरों के पास अत्याधुनिक हथियार थे। हॉल के अंदर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। लोग लाशों और घायलों के ऊपर से भागने लगे या फिर छिपने की कोशिश करने लगे। आतंकवादियों ने कई लोगों को बंधक बना लिया और फिर उनकी हत्या कर दी। पढ़ें- फ्रांसीसी मीडिया ने कहा- इस बार यह युद्ध है
अलायंस पुलिस नेशनल के अधिकारी ग्रेगरी गौपिल ने कहा कि दो प्रवेश द्वारों और मैक्डॉनल्ड्स के निकट एक साथ विस्फोट हुए। स्टेडियम ग्रेगरी के इलाके में आता है। स्टेडियम में कल रात मौजूद असोसिएटेड प्रेस के एक रिपोर्टर ने दो विस्फोटों की आवाज सुनी। यह आवाज इतनी जोरदार थी कि वहां टीमों की हौसलाअफजाई कर रहे दर्शकों के भारी शोरगुल बावजूद भी यह कानों को भेद गई। पुलिस ने बताया कि कंसर्ट हॉल में हुई मौतों के अलावा पेरिस के 10वें आरोंदिसेमां के एक रेस्तरां और शुक्रवार रात को भीड़भाड़ वाले अन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले में कई लोगों की मौत हो गई।
News from Paris is anguishing & dreadful. Prayers with families of the deceased. We are united with people of France in this tragic hour.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2015
पेरिस हमले पर किसने क्या कहा, यहां क्लिक करके पढ़ें
दहशत में हैं लोग..
एजेंसी भाषा के मुताबिक, मात्र 10 माह पहले हुए शार्ली एब्दो हमले के कारण शहर में भय का माहौल था और अब हुए इन हमलों के कारण लोगों में भय और बढ गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कॉन्सर्ट हॉल में हुई मौतों के अलावा पेरिस के 10वें प्रांत के एक रेस्तरां में 11 लोग मारे गए। अन्य अधिकारियों ने कहा कि एक स्टेडियम के बाहर बम फटने के कारण कम से कम तीन लोग मारे गए। सभी अधिकारियों ने यह जानकारी उनका नाम उजागर न करने की शर्त पर दी क्योंकि ये लोग तेजी से हो रही जांच के दौरान सार्वजनिक रूप से बयान दिए जाने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
हमले ऐसे समय में किए गए जब सुरक्षा चाकचौबंद की हुई थी...
ये हमले एक ऐसे समय पर किए गए हैं, जब फ्रांस ने एक बड़े वैश्विक जलवायु सम्मेलन से पहले हिंसक प्रदर्शनों और संभावित आतंकी हमलों के डर से सुरक्षा प्रबंधों को काफी मजबूत किया हुआ है। यह सम्मेलन दो सप्ताह में शुरू होना है। ओलांद को जिस जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जाना था उसमें इस्लामी चरमपंथियों द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के बढ़ते भय पर प्रमुख तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं