
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 4 अप्रैल को बांग्लादेश के नेता मुहम्मद यूनुस के साथ द्विपक्षीय बैठक की. ढाका में तख्तापटल के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना के भारत भागकर आने और यूनुस के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार के बनने के बाद दोनों शीर्ष नेतृत्व के बीच पहली बैठक हुई. बैठक में पीएम मोदी ने बांग्लादेश के अंदर हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताओं पर जोर दिया. दोनों नेता बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के लिए थाईलैंड की यात्रा पर हैं और यहीं बैंकॉक में दोनों के बी द्विपक्षीय बैठक हुई है.
बता दें कि नोबेल पुरस्कार विजेता 84 वर्षीय मुहम्मद यूनुस ने अगस्त 2024 में बांग्लादेश की कमान संभाली, जब भारत की पुरानी सहयोगी शेख हसीना को छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह में प्रधान मंत्री पद से हटा दिया गया और वो भागकर भारत आ गईं.
मुहम्मद यूनुस के साथ पीएम मोदी की मुलाकात पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी देते हुए कहा, "पीएम मोदी ने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया. उन्होंने प्रोफेसर यूनुस से बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने की भारत की इच्छा पर जोर दिया. पीएम ने यह भी आग्रह किया कि माहौल को खराब करने वाली किसी भी बयानबाजी से बचना चाहिए. सीमा पर कानून का सख्ती से पालन और अवैध सीमा पार करने की रोकथाम सीमा सुरक्षा बनाए रखने के लिए आवश्यक है. पीएम ने बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया.”
यहां गौर करने वाली एक और बात यह रही कि प्रोफेसर यूनुस ने द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक तस्वीर भेंट की. यह तस्वीर 3 जनवरी, 2015 को 102वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रोफेसर यूनुस को स्वर्ण पदक प्रदान करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की है.
Profsssor Muhammad Yunus is presenting a photo to Prime Minister Narendra Modi during their bilateral meeting in Bangkok on Friday. The photo is about Prime Minister Narendra Modi presenting a gold medal to Professor Yunus at the 102nd Indian Science Congress on January 3, 2015 pic.twitter.com/lsikvMOWT4
— Chief Adviser of the Government of Bangladesh (@ChiefAdviserGoB) April 4, 2025
बांग्लादेश- भारत के तल्ख हुए रिश्ते
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्ते में कड़वाहट आ गई है. गहराते कूटनीतिक विवाद के बीच बांग्लादेश भी भारत के कट्टर विरोधी चीन और पाकिस्तान के करीब आ गया है. नई दिल्ली ने बार-बार मुस्लिम-बहुल बांग्लादेश पर अपने अल्पसंख्यक हिंदू नागरिकों की पर्याप्त सुरक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. जबकि यूनुस के कार्यवाहक प्रशासन ने आरोपों से इनकार किया है.
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